
आखर पोथी के अंतर्गत होगा आयोजन
जयपुर, 6 जनवरी। आखर पोथी के अंतर्गत लेखक कमल किशोर पिपलवा से 9 जनवरी को साहित्यिक चर्चा की जाएगी। पिपलवा राजस्थानी भाषा में प्रकाशित पुस्तक ‘रोळी मोळी’ के लेखक हैं। रविवार पूर्वाह्न 11 बजे होने वाले इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. ज्योतिपुंज करेंगे। पुस्तक की समीक्षा डॉ. हरिमोहन सारस्वत ‘रूंख’ करेंगे और प्रस्तावना किशन प्रणय पढ़ेगे।
पुस्तक रोळी मोळी के लेखक हैं पिपलवा
पुस्तक रोळी मोळी के लेखक कमल किशोर पिपलवा कवि और निबंधकार हैं। इन्होंने कई मंचों पर हिंदी और राजस्थानी में कविता पाठ किया है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेखन के साथ ही स्वतंत्र साहित्यिक पत्रकारिता के साथ आकाशवाणी से जुड़ाव है। इन्हें अपनी रचनाओं पर राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर का मनुज देपावत प्रथम और भत्तमाल जोशी प्रथम पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कार मिले हैं। इनकी आगामी कृति रिपोर्ताज संग्रह प्रकाशनाधीन है। रोळी मोळी पुस्तक में सामाजिक-सांस्कृतिक व मनोविश्लेषण पर आधारित कुल 15 निबंध हंै। इनमे प्रमुख रूप से हथाई, पंचायती, हाण्डीहेत, मौखाण, मिमझर, मूरखता, चुगली, मरूथल रा जीव जिनावर, मरूथल री प्रकृति, वनराय अर रूंख, ब्याव, रणतभंवर सूं आयो विनायक, धेनडिय़ा, बिलोवणो, छातीकूटो, थुथकारों आदि है। इनमे राजस्थान के सामाजिक-सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक जीवन की जानकारी और विश्लेषण शामिल है।
ख्यातनाम साहित्यकार डॉ. ज्योतिपुंज
वागड़ क्षेत्र के प्रसिद्ध साहित्यकार है और कई रचनाओं का राजस्थानी में अनुवाद भी किया है। इनकी रचनाओं में चन्दन ना छांटा, बोल डूंगरी ढब ढबुक, गोविन्दगुरू नो चौपड़ौ, धरती राणु, ओळखैण, कंकू कबन्ध, (राजस्थानी गद्य पद्य) कसक भूखे भील की आदि है। इन्हें केन्द्रीय साहित्य अकादमी नई दिल्ली से साहित्य अकादमी पुरस्कार 2001, राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर का मीरा पुरस्कार, राजस्थानी भाषा, साहित्य, एवम् संस्कृति अकादमी बीकानेर का सूर्यमल्ल मिश्रण शिखर पुरस्कार, महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन का महाराणा कुम्भा पुरस्कार प्राप्त है।
सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं रूंख
समीक्षक हरिमोहन सारस्वत रूंख साहित्यकार और सामाजिक कार्यकर्ता है। राजस्थानी भाषा की मान्यता और पेड़ लगाने एवं बचाने का अभियान चलाते है। इनकी रचनाओं में गम्योड़ा सबद (राजस्थानी कविता संग्रह), कोहरे में लिपटी बात ( हिंदी कविता संग्रह), मेरे गणतंत्र (कविता), म्हारो काळजो आदि शामिल है। किशन प्रणय कोटा के युवा साहित्यकार है। आखर पोथी अंतर्गत अभी तक 10 बड़े आयोजन हो चुके है। इसमे वर्चुअल तरीके से राजस्थान के साहित्यकार शामिल होते है।