
स्वदेशी जागरण मंच का अर्थ चिंतन 23 से होगा शुरू
देश के आर्थिक विकास और माध्यम पर होगा विचार विमर्श
मदनगंज-किशनगढ़.
स्वदेशी जागरण मंच पिछले 30 वर्षों से अपनी शोध गतिविधियों व अन्य माध्यमों से योगदान कर देश की आर्थिक स्थिति को दिशा देने एवं उन्नत करने में सहयोग करता रहा है। भारत का हित स्वदेशी दृष्टिकोण का मुख्य सूत्र है।
कोरोना महामारी एवं तेज़ी से बदलते अन्य भू राजनैतिक घटनाक्रम के कारण न केवल देश की बल्कि विश्व की अर्थव्यवस्थाएं डगमगाई हैं। युवाओं के देश भारत में रोजगार जो पहले से ही विषम परिस्थिति में था कोरोना के कारण से और भी लडखड़़ा गया है।
इन परिस्थितियों में देश की आर्थिक व रोजगार की दिशा में आगामी सकारात्मक पहल क्या हो सकती है इस विषय पर व्यापक चिंतन स्वदेशी जागरण मंच नें किया है।
भविष्य में भारत का मार्ग क्या हो इस पर देशव्यापी चर्चा के लिए स्वदेशी शोध संस्थान एवं एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (850 भारतीय विश्वविद्यालयों का संघ) ने एक पहल की है।
मंच के क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुदेश सैनी ने बताया कि इसके अंतर्गत दिनांक 23, 24 और 25 सितम्बर 2021 को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर देश के जाने माने प्रमुख अर्थशास्त्री, राजनेता, विद्वान, कृषि विशेषज्ञ, उद्योगपति व अन्य सामाजिक संगठन चर्चा करेंगे । तीन दिन तक प्रतिदिन यह चर्चा साँय 6 बजे से 8 बजे तक चलेगी। जिसका विभिन्न प्लेटफॉर्म पर लाईव प्रसारण किया जाएगा।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिवस 25 सितम्बर पर इस चर्चा का पहला चरण पूर्ण होगा। इसके उपरांत इस चर्चा को महानगरों, प्रांतों की राजधानियों, जिला केंद्रों एवं गाँव तक ले जाया जाएगा ।
इस राष्ट्रीय बहस का उद्देश्य सबकी भागीदारी और सहमति से देश के आर्थिक विकास के लिए आगामी लक्ष्य निर्धारित करना रहेगा ताकि सब एकजुट होकर उस लक्ष्य की प्राप्ति में लग जाए।
स्वदेशी जागरण मंच की प्रेरणा से यह चर्चा अर्थ चिंतन 2021 के अंतर्गत देश भर में चलाई जाएगी।
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