मदनगंज किशनगढ़. 23 अप्रैल 2024, चैत्र पूर्णिमा को मनाए जाने वाले भगवान हनुमान प्राकाट्योत्सव पर डींडवाड़ा गाँव के बीहड़ में स्थित बालाजी महाराज के मन्दिर में मेला लगेगा। मेले के मार्गदर्शक योग गुरु ने बताया कि लगभग 50 वर्ष से बन्द हुए मेले को डींडवाड़ा, बादरसिंदरी, नोहरिया, पेड़ीभाटा, पाटन आदि गाँवों के व बाहर के बालाजी के भक्तों के सहयोग से पुनः आयोजित किया जा रहा है। योग गुरु ने बताया कि लगभग 70 वर्ष पहले वनरक्षक लादू सिंह राजपुरोहित की आस्था और स्वप्न के आधार भौमराज जामड़, नवरत्नमल जामड़, ओंकारदास, मदनदास, भैरू विजयवर्गीय, सरपंच गणपतसिंह राठी, मुरलीबंशीधर पारीक, सेठ अमरचन्द मोदी, सेठ प्रेमचन्द मोदी, धूकलसिंह राजपूत, छीतर लालाराम मुण्डेल, कल्याणसिंह रहलाणियाँ, लादू राव, मेदू खद्दावा, बिरदाराम डोई (बान्दरसिन्दरी) गंगारामकल्याण यादव(पाटन) संमरा भडाणा, रामा छाबड़ी, अर्जुन चाड़(पेडीभाटा) भैरू भादू, सूरजमल खद्दावा, तेजू जांगिड, रामनिवास अहीर, सूरजमल भाट (भगतजी) भँवर मोस्टर, गोवर्धन चाड़, अर्जुन दिया, बीरम चाड़, फकीर कौली (नोहरिया) रोड़ू बोकण, भगवान भडाणा, रामदेव कुम्हार, लालारामदेव खटीक, राघव भील, सूजाबाबा मेघवाल आदि व डींडवाड़ा, बान्दरसिंदरी, नोहरिया, पेड़ीभाटा, पाटन व अन्य गाँवों के भक्त-श्रध्दालुओं की सक्रियता व सहयोग से बीहड़ में राम-लक्ष्मण को कंधे पर बैठाये हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की, कुँआ खोदा और वार्षिक मेले का आयोजन आरम्भ किया, पर असमाजिक तत्त्वों के कारण व सतीमाता के मेलों पर लगी रोक के कारण बन्द हो गया था।
बालाजी के भक्तों के प्रयास से अब पुनः वह मेला चैत्र पूर्णिमा को हर वर्ष लगेगा। योग गुरु ने बताया कि मेले के अवसर पर रात्रि जागरण, विभिन्न झाँकियों के साथ कलश यात्रा, संत-समागम, पौधारोपण, विद्यार्थियों द्वारा सूर्य नमस्कार व योगासनों का प्रदर्शन आदि कार्यक्रमों का आयोजन करके समाज में भक्ति, योग, प्रेम, शान्ति, परोपकार, स्वास्थ्य-रक्षण, पर्यावरण-संरक्षण आदि की भावना की वृद्धि का प्रयास किया जायेगा।