शहीद बीरबल सिंह ढालिया को जीनगर समाज ने नमन कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए

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मदनगंज किशनगढ़ . जीनगर समाज किशनगढ़ द्वारा 30 जून शुक्रवार को सायं 6:00 बजे आदर्श विधा मंदिर के प्रांगण मे अमर शहीद बीरबल सिंह ढालिया ( जीनगर) के 77 वे बलिदान दिवस पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई ।

अमर शहीद बीरबल सिंह के चित्र पर माला पहनाकर द्वीप प्रवजल्लित किया गया।
समाज के बंधुओ ने व समाज की महिला मण्डल ने शहीद बीरबल सिंह के चित्र पर पुष्प चढाकर उन्हें नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी गई । सभी ने एक स्वर मे शहीद बीरबल सिंह अमर रहे के उदघोष लगाए ।
सचिव जगदीश जीनगर ने शहीद बीरबल सिंह जी ढालिया की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया की बीरबल सिंह ढालिया बचपन से ही देश भक्ति से ओत प्रोत थे वे शुरु से ही सामंत्त व्यवस्था के खिलाफ रहे और नागरिको के अधिकार के लिए लड़ते रहे। इसी कारण 30 जून 1946 को गंगानगर के रायसिंह नगर मे सामनतो के खिलाफ अपनी टोली के साथ, हाथ मे तिरंगा लिए अंग्रेजो से विद्रोह ले लिया और बीरबल सिंह पर अंधाधुँध गोलिया बरसा दी और देश के नाम अपने प्राण न्यौछावर कर दिये । जिन्हे जीनगर समाज आज के दिन शहीद दिवस के रूप मे मनाता है । उन्होंने बताया की ऐसे वीर सपूत से समाज को प्रेरणा लेनी चाहिए । जगदीश जीनगर कहा की राज्य सरकार मांग करते हुए कहा कि शहीद बीरबल सिंह ढालिया के इतिहास को शिक्षा के पाठ्यकर्म मे शामिल करना चाहिए। जिससे शहीद बीरबल सिंह की शहादत शामिल किया जाना चाहिए जिससे हम सभी को इतिहास की जानकारी मिल सके।
लक्ष्मीनारायण सोनगरा ने अपने उद्बोधन में अगले वर्ष तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करने का संकल्प दिलाया जिसमें तिरंगा रैली मशाल रैली का स्वरूप रहेगा और उन्होंने देश भक्ति का गीत धर्म के लिए जिएं, समाज के लिए जिएं गाकर शानदार प्रस्तुति दी। सभी को देश भक्ति के गीत से मोहित कर दिया ।
लक्ष्मीनारायण सोनगरा राजकुमार सोनगरा व मनीषा खत्री ने भी शहीद बीरबल सिंह जी ढालिया के जीवनी प्रकाश डालते हुए अपने विचार प्रस्तुत किये।
इसके बाद रामनवमी की झांकी मे जिन पात्रों ने अपनी भूमिका निभाई उन सभी पात्रों को समाज के बंधुओ से राजकुमार जी सोनगरा ने परितोषित वितरण करवाया।
कार्यक्रम के अंत मे कोषाध्यक्ष राधेश्याम राठौड़ ने सभी का धन्यवाद देकर आभार प्रकट किया । कार्यक्रम का संचालन कैलाश चन्द राठौड़ जीनगर ने किया । मौजूद समाज के बंधुओ मे जगदीश जीनगर, राधेश्याम राठौड़, दिलीप सोनगरा ,तेजमल खत्री , कन्हैया लाल राठौड़, रतन लाल जीनगर, राम स्वरूप निर्वानं,लाल चन्द सोलंकी,बिशन लाल चौहान, चंद्रप्रकाश दायमा,चंदू सोनागरा, चैन सुख दायमा,विष्णु सोनगरा,, नेमिचन्द् आसेरी,संजय खत्री,मूल चन्द चायल, अनिल आसेरी, विष्णु पंवार, वीरेंद्र खत्री, दीपक चौहान, किशन राठौड़, वीरेंद्र चौहान। समाज की महिला मण्डल भी शामिल रही।

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