
अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक को लिखा पत्र
अनूसूचित जाति के लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों में बढ़ोत्तरी पर लगे रोक
मदनगंज-किशनगढ़.
अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने प्रदेश में गत तीन वर्षों में बढ़ते महिला हिंसा एवं उत्पीडन के साथ-साथ अनूसुचित जाति जनजाति के लोगों के खिलाफ अत्याचार के दर्ज मामलों में हुई वृद्वि पर प्रभावी अंकुश व रोकथाम लगाने के साथ-साथ अपराधियों के प्रति सख्त रवैया अपनाते हुये ठोस कदम उठाने के लिये प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं पुलिस महानिदेशक मोहनलाल लाठर को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से उन्हें अवगत कराया कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा जारी किए गए 2020 के आपराधिक मामलों के आंकडों में हमारा प्रदेश राजस्थान देशभर में महिला दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध एवं महिलाओं के प्रति अपराध के मामलों में प्रथम स्थान पर और देश के महानगरों में प्रदेश की राजधानी जयपुर भी दूसरे स्थान पर रहा हैं। जो कि सरकार एवं पुलिस व्यवस्था के प्रति सोचनीय एवं चिंताजनक विषय है। इसके अतिरिक्त गत तीन वर्षों में प्रदेश में अनूसुचित जाति एवं जनजाति अर्थात दलितों पर अत्याचार एवं अपराधिक मामलों में भी वृद्वि हुई है और हमारे शांत एवं शालीन प्रदेश में दिन-प्रतिदिन लूट एवं चोरी की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। लेकिन अपराधियों के प्रति सख्त कार्यवाही नहीं होने से अब आमजन में रोष व्याप्त हो रहा है। प्रदेश में वर्षं 2020 में महिलाओं के खिलाफ हिंसा में बडी संख्या में लगभग 28046 दुष्कर्म के मामले सामने आये है। और 28153 महिलायें अपराधियों की शिकार बनी है। उक्त ब्यूरो द्वारा जारी आंकडो के अन्तर्गत देश में महिला दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं में से 19 प्रतिशत सिर्फ राजस्थान प्रदेश में हुये है। जो कि लगभग 5310 है। जिसमें 18 साल कम उम्र की बलात्कार पीडिताओं की संख्या 1279 और 18 वर्ष से ऊपर पीडिताओं की संख्या 4031 है। अर्थात प्रदेश में प्रतिदिन महिला हिंसा के 77 मामलों में से दुष्कर्म के औसतन 15 मामले दर्ज हुये है।
राजस्थान प्रदेश में गत 03 वर्षों में अनूसुचित जाति एवं जनजाति अर्थात दलितों पर अत्याचार एवं अपराधिक मामलों में भी वृद्वि हुई है। जहां वर्ष 2018 में राजस्थान प्रदेश में अनूसुचित जाति एवं जनजाति के लोगो के खिलाफ 4607 मामले दर्ज हुए थे जो वर्ष 2019 में बढकऱ 6794 और गत वर्ष 2020 में 7017 हो गये है। जिससे प्रदेश के दलित वर्ग में भी सरकार एवं प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ़ रही है। अत: आप प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के साथ.साथ गृहमंत्री भी है।
हमारे प्रदेश में गत 03 वर्षों में बढ़े उक्त आपराधिक गतिविधियों के मामलों महिला दुष्कर्म कें मामलों अनूसुचित जाति एवं जनजाति के लोगों पर बढ़ते अत्याचार मामलों एवं दिन.प्रतिदिन बढती लूट एवं चोरी की वारदातों पर प्रभावी नियन्त्रण एवं अंकुश लगाने के साथ.साथ अपराधियों के प्रति सख्त कार्यवाही कराते हुये मजबूत कानून व्यवस्था की स्थिति प्रदेश में स्थापित कराने हेतु संबंधित विभागीय उच्चाधिकारियों को निर्देशित करावें। ताकि प्रदेश के नागरिकों में राजस्थान पुलिस का मुख्य ध्येय अपराधियों में डर, आमजन में विश्वास की कहावत चरितार्थ हो सकें।