देश की सड़कों पर दौड़ रहे 21 करोड़ दुपहिया व 7 करोड़ चार पहिया वाहन

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नई दिल्ली। देश में 21 करोड़ से अधिक दोपहिया और सात करोड़ चार पहिया एवं ऊपर की श्रेणी के वाहन पंजीकृत हैं। केंद्र सरकार ने कहा कि देश में 21 करोड़ से अधिक दोपहिया वाहन और सात करोड़ से ज्यादा चार पहिया वाहन एवं इससे ऊपर की श्रेणी के वाहन विभिन्न प्रदेशों के परिवहन कार्यालयों में पंजीकृत हैं।

केंद्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि 5,44,643 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन और 54,252 इलेक्ट्रिक चारपहिया एवं इससे ऊपर की श्रेणी के वाहन हैं।

देश की सडक़ों पर 4 करोड़ से ज्यादा पुराने वाहन

देश की सडक़ों पर 4 करोड़ से ज्यादा पुराने वाहन दौड़ रहे हैं। पुराने वाहनो के मामले में 70 लाख वाहनों के साथ कर्नाटक टॉप पर है। सडक़, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देश की सडक़ों पर दौड़ रहे वाहनों का डिजिटल डाटा तैयार किया है। हालांकि, इसमें आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप के वाहनों की संख्या शामिल नहीं है। इन राज्यों के वाहनों का डाटा मंत्रालय के पास उपलब्ध नहीं है।

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में 4 करोड़ से ज्यादा वाहन 15 साल से ज्यादा पुराने हैं। इसमें 2 करोड़ वाहन ऐसे है, जो 20 साल से भी पुराने हैं। मंत्रालय के पास मौजूद आंकडों के अनुसार 56.54 लाख पुराने वाहनों के साथ उत्तर प्रदेश का दूसरा नंबर हैं। उत्तर प्रदेश में 24.55 लाख वाहन 20 साल से ज्यादा पुराने हैं।

देश में दिल्ली का दूसरा नंबर

पुराने वाहनों के मामले में राजधानी दिल्ली देश में तीसरे स्थान पर है। दिल्ली में कुल 49.93 लाख पुराने वाहन हैं। इसमें से 35.11 लाख वाहन 20 साल से ज्यादा पुराने हैं। दिल्ली के बाद केरल में पुराने वाहनों की संख्या 34.64 लाख है। जबकि 33.43 लाख वाहनों के साथ तमिलनाडु पांचवें स्थान पर है। पंजाब में पुराने वाहनों की संख्या 25.38 लाख है। पश्चिम बंगाल में 22.69 लाख पुराने वाहन वाहन हैं। महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात, राजस्थान और हरियाणा में पुराने वाहनों की संख्या 17.58 लाख से 12.29 लाख के बीच है।

इन राज्यों में कम हैं पुराने वाहन

देश में 11 राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जिनमें 15 साल से पुराने वाहनों की संख्या 5.5 लाख से कम हैं। इसमें झारखंड, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, पुद्दुचेरी, असम, बिहार, गोवा, त्रिपुरा, दादरा-नागर हवेली और दमन-दीव शामिल हैं। इन राज्यों में पुराने वाहनों की संख्या 1 लाख से लेकर 5.44 लाख तक हैं।

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