आरएसएस ने आयोजित किए ई परिवार शिविर

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सकारात्मकता बढ़ाने और डर दूर करने के लिए किया आयोजन


मदनगंज-किशनगढ़.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चित्तौड़ प्रांत ने कोरोना के महासंकट काल में तीन दिवसीय ई परिवार शिविर का आयोजन किया। इस शिविर के माध्यम से सकारात्मकता बढ़ाने और परिवार में डर दूर करने का प्रयास किया गया।
ज्ञात रहे चितौड़ प्रांत जो कि राजस्थान का दक्षिण पूर्वी क्षेत्र है जो कि प्रशासनिक 12 जिलों का प्रांत है। संघ ने इस क्षेत्र को 8 विभागों में और 27 जिलों में बांटा है। इन 27 जिलों के 3983 स्थानों के 51429 परिवारों के लगभग 2.5 लाख परिवारजनों ने तीन दिवसीय परिवार ई शिविर में सहभाग किया। महत्वपूर्ण है कि 9113 परिवारों ने पहली बार संघ के कार्यक्रम में सहभाग हुआ। इस शिविर में 110085 महिलाएं और 135017 पुरुष जुड़े।
प्रांत के कुटुंब प्रबोधन संयोजक सियाराम विजयवर्गीय ने बताया कि कोराना की दूसरी लहर के घातक परिणाम के कारण जो समाज में भय और अविश्वास का भव पैदा हुआ था उसकी जगह परिवारों में विश्वास का भाव,भयमुक्त और सकारात्मक वातावरण बनाने के उद्देश्य से यह शिविर लगाया गया।
कोराना काल की परिस्थिति के कारण घरों से बाहर जाना संभव नहीं था। अपने ही घर में रहते हुए प्रात: एक घंटा शारीरिक कार्यक्रमों के माध्यम से अपने परिवार स्वास्थ्य को अच्छा करने के लिए चर्चा और बौद्धिक द्वारा वैचारिक चिंतन करते हुए अपना कुटुंब आदर्श कुटुंब बने और समाज भक्ति व देशभक्ति का भाव जगाने का प्रयत्न करने में, साथ ही रात्रि कार्यक्रमों द्वारा आनंद, सहजता और मनोरंजन का वातावरण बनाने में ई शिविर का सफल आयोजन हुआ।
शिविर में पहले दिन संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी ने दूसरे दिन राजस्थान क्षेत्र प्रचारक निंबाराम और तीसरे दिन अखिल भारतीय कुटुंब प्रबोधन संयोजक रविंद्र जोशी नागपुर ने स्वास्थ्य परिवार की व्यवस्थाएं, व्यक्तिगत जीवन की उन्नति और उससे राष्ट्र की उन्नति करते हुए परम वैभव की प्राप्ति कैसे हो। इन विषयों पर अपना विचार प्रकट किया। इसके अतिरिक्त शिविर में अनेक परिवारों ने घरों में श्रम साधना की, सेवा कार्य किए गए और संध्या काल में आरती अथवा हनुमान चालीसा के पाठ भी किए।
इस शिविर की पूर्व तैयारी के दृष्टि से दो दिन ऑनलाइन पंजीयन किया गया। पंजीकृत परिवारों के 3551 व्हाट्सअप समूह बनाए गए। इन समूहों के माध्यम से सूचनाएं, दिनक्रम, आसन व खेल के वीडियो, चर्चा के विषय बिंदु और बौद्धिक की लिंक आदि समय समय पर सामग्री भेजी गई। इस शिविर के सफल संचालन के लिए 7434 कार्यकर्ताओं की सक्रियता रही।
शिविर के समापन के साथ सभी से अनुभव और सुझाव एकत्र लिए गए। उसमें अनेक बन्धुओं ने लिखा कि सही समय पर शिविर का आयोजन सबको नई ऊर्जा देकर गया है। शिविर के कारण दिनचर्या व्यवस्थित करने का अवसर मिला। शरीर को ठीक रखने के प्रति भी हमारा कोई प्रयत्न होना चाहिए यह शिविर से सीखा। कुटुंब, समाज, देश, धर्म, संस्कृति के प्रति हम नई नई जानकारियां मिली इसे अनवरत बनाए रखे। घरों में कुंठित हो रहे थे और भय का वातावरण था मृत्यु की खबरों से तनाव था जो दूर हुआ। परिवार में सहज बातचीत का क्रम प्रारम्भ हुआ।

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