राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में युवा संसद का आयोजन
जयपुर.
भीड़ का हिस्सा न बनें कोशिश करें और अपनी अलग पहचान बनाएं यह बात पूर्व सांसद नागौर एवं पूर्व केंद्रीय कैबिनेट राज्य मंत्री और आरपीएससी के पूर्व अध्यक्ष सी. आर. चौधरी ने राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में 27 अप्रैल 2022 को आयोजित 16वी युवा संसद के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही। युवा संसद संसदीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित थी।
मुख्य अतिथि चौधरी ने कहा कि वे वास्तव में विद्यार्थियों के प्रदर्शन और वास्तविक संसद की तरह दिखने वाली चर्चाओं से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय युवा संसद का उद्देश्य विद्यार्थियों को संसदीय कार्यों में जागरूक करना और संसदीय लोकतंत्र को समझने में उन्हें सक्षम बनाना है। उन्होंने संसद के प्रोटोकॉल, प्रश्नकाल, पूरक प्रश्न, अध्यक्ष की भूमिका आदि के बारे में भी सुझाव दिए।
युवा संसद में 60 चयनित विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की और ट्रेजरी बेंच तथा विपक्ष के रूप में विभिन्न पात्रों की भूमिका निभाई और संसदीय नियमों और विनियमों के भीतर भारत में कृषि की वर्तमान कीमतों पर बहस की। विद्यार्थियों ने लगभग तीन सप्ताह तक पूर्वाभ्यास के बाद कार्यक्रम में प्रदर्शन दिया और लोकसभा अध्यक्ष, प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता, गृह मंत्री, वित्त मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री, कानून मंत्री, जल संसाधन मंत्री आदि की भूमिका निभाई।
प्रो. तरुण अरोड़ा समूह समन्वयक और संसदीय कार्य मंत्रालय के प्रतिनिधि ने समय सीमा के भीतर रहना, दृढ़ रहना लेकिन विनम्र होना, बहुत अधिक आक्रामकता से बचना, वास्तविक संसद की नकल नहीं करना बल्कि यह दर्शाना कि भावी पीढ़ी संसद को कैसे चलाएगी आदि सुझाव दिए।
राजकीय महाविद्यालय अजमेर के डॉ. मनोज अवस्थी ने विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस संसद को टेलीविजन पर प्रसारित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि विद्यार्थियों को संबंधित विभाग से प्रश्न पूछने में विशिष्ट होना चाहिए और इस बात को आत्मसात नहीं करना चाहिए कि यदि हम विपक्ष में बैठे हैं तो हमें केवल नकारात्मक होना चाहिए।
राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद भालेराव ने छात्रों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि युवा विद्यार्थियों में लोकतांत्रिक मूल्यों को विकसित करने और संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने की यह एक पहल हैं।
युवा संसद के प्रदर्शन का निर्णय 3 निर्णायक सदस्यों ने किया जिसमे सीआर चौधरी, प्रो तरुण अरोड़ा और डॉ. मनोज अवस्थी शामिल रहे। प्रतिभागी विद्यार्थियों में तारितशिखा दास, विकास पाठक, अन्वेक्षा गोत्रा, सोनल शर्मा धु्रव सोनी और आयुषी शर्मा को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता घोषित किया गया। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये गये।
इससे पूर्व सामाजिक विज्ञान स्कूल के अधिष्ठाता प्रो. जगदीश जाधव ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम की जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम के समन्वयक पीपीएलजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. ज्ञान रंजन पांडा थे।