
ओमप्रकाश ने हासिल किया मुकाम
जयपुर। मन में कुछ करने और आगे बढऩे का जज्बा हो तो धीरे-धीरे हर मुश्किल आसान होती जाती है और कितना ही मुश्किल काम क्यों न हो, आखिर व्यक्ति मंजिल तक पहुंच ही जाता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, जयपुर जिले की जमवारामगढ़ तहसील के एक छोटे से गांव भोण्डाखेड़ा के निवासी ओमप्रकाश शर्मा ने।
ओमप्रकाश शर्मा एक किसान परिवार से हैं। इनके पिताजी रामजीलाल शर्मा एक किसान हैं और आज भी गांव में रहकर खेती-किसानी के कार्य की ही देखरेख करते हैं। इनके तीन बेटे हैं, जो तीनों ही अब बिजनेस से जुड़े हैं। ओमप्रकाश शर्मा इनके मझले बेटे हैं, जिनकी रूचि पढ़ाई के दिनों से ही बिजनेस करने व एक अलग मुकाम हासिल करने की थी, लेकिन इसके लिए उनकी राह आसान नहीं थी। पिता किसान परिवार से थे। ऐसे में वे बिजनेस में पैसा लगाने के बजाय कोई छोटी-मोटी नौकरी कर परिवार की आय बढ़ाने को ज्यादा तरजीह देते थे। ऐसे में ओमप्रकाश ने जैसे-तैसे कर गांव के पास स्थित एक बड़े कस्बे आंधी में इलेक्ट्रॉनिक सामान की एक छोटी सी दुकान खोली। इसस दौरान वे ग्रेजुएशन कर चुके थे। ऐसे में शहर में भी कुछ बिजनेस परिवारों से जुड़े युवा उनके दोस्त बने चुके थे। दोस्तों के व्यापार को देखकर उनमें भी बिजनेस करने की चाहत तो थी, लेकिन हर बार पैसे की तंगी आड़े आ जाती। धीरे-धीरे आंधी कस्बे में शुरू की गई उनकी दुकान कुशल व्यवहार और वाजिब दामों पर सामान देने के कारण चल निकली। उन्हें लगने लगा कि उनकी मंजित अब दूर नहीं है, लेकिन यह इतना भी आसान नहीं था। वर्ष 2004-05 में उन्होंने कस्बे की दुकान छोटे भाई को संभलाकर जयपुर की राह पकड़ ली। उनकी सोच थी कि जयपुर गए बिना बिजनेस में एक मुकाम हासिल करना मुश्किल है।
तीन हजार रुपए महीने की नौकरी
जयपुर में उन्होंने रामगंज बाजार स्थित एक इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान मेें तीन हजार रुपए महीने की नौकरी पकड़ ली और अपने बिजनेस आइडिया पर काम करते रहे। यहां कुछ साल काम किया पर उनका मन यहां भी नहीं लगा और इस दुकान पर काम करने के दौरान बने संपर्कों का फायदा उठाते हुए उन्होंने अपनी खुद की एक डोमेस्टिक वायर की कंपनी शुरू कर दी युवराज ब्रांड से। यही से शुरुआत हुई उनके आगे बढऩे की। धीरे-धीरे मधुर व्यवहार के चलते इनकी कंपनी के वायर की डिमांड बढ़ती गई और इनके सपने आकार लेने लगे।
आज ये स्वयं के ब्रांड के अलावा वैश्विक ब्रांड हैवल्स वायर और फिनोलेक्स वायर के साथ भी काम कर रहे हैं। महीने के तीन हजार रूपए की नौकरी करने वाले इस युवा का मासिक कारोबार करीब तीन से पांच करोड़ का है। आज इनके काम में इनके साथ इनका इंजीनियर बेटा युवराज भी हाथ बंटा रहा है।