
जयपुर, 21 फरवरी। मनुष्य गर्भ निरोधक उपायों का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही करता आ रहा है। प्राचीन काल में इसके लिए आयुर्वेद का इस्तेमाल का किया जाता था। आयुर्वेद के विभिन्न नुस्खों का इस्तेमाल अनचाहे गर्भ से बचने के लिए किया जाता था। आधुनिक समय में काफी सारे गर्भ निरोधक बाजार में उपलब्ध हैं। इनमें सबसे अधिक उपयोग किया जाता है कंडोम, जो कि सबसे सुरक्षित भी है और एचआईवी जैसी लाइलाज बीमारियों से सुरक्षा भी प्रदान करता है। मौजूदा समय में कंडोम के उपयोग में कई गुणा वृद्धि हुई है, लेकिन कंडोम का इस्तेमाल कब से हो रहा है, इसके बारे में शायद आप मुश्किल ही जानते होंगे।
भेड़ की आंत से बना पहला कंडोम
जानकारी के अनुसार कंडोम का उपयोग 16वीं शताब्दी में शुरू हुआ था। इसे सबसे पहले 16वीं शताब्दी में जानवरों की आंत से बनाया जाता था। इसी वजह से उस समय कंडोम की कीमत काफी ज्यादा होती थी। कंडोम का नाम कंडोम कैसे पड़ा, इसके बारे में कहा जाता है कि इसको बनाने वाले शख्स का नाम डॉक्टर कंडोम था। डॉक्टर कंडोम के नाम पर इसका नाम कंडोम पड़ा था। डॉक्टर कंडोम ने 16वीं शताब्दी में भेड़ के चमड़े से बना कंडोम किंग चाल्र्स द्वितीय को दिया था। वहीं कंडोम के इतिहास को लेकर एक रिपोर्ट में बताया गया है कि फ्रांस की एक गुफा में करीब 12000-15000 साल पुरानी पेंटिंग मिली थी। उस पेंटिंग में कंडोम जैसे दिखने वाले चित्र भी बने हुए थे। हालांकि इस बारे में स्पष्ट नहीं है कि उस समय कंडोम का इस्तेमाल अनचाहे गर्भ से बचने के लिए किया जाता था या किसी अन्य उद्देश्य के लिए इसका उपयोग किया जाता था। हालांकि यह स्पष्ट है कि 17वीं शताब्दी में कंडोम का बड़े पैमाने पर लोगों ने उपयोग करना शुरू कर दिया था।
खुदाई में मिले प्राचीन कंडोम
जानकारी के मुताबिक ब्रिटेन के डुडली कैसल में खुदाई के दौरान मध्ययुगीन शौचालयों से कुछ कंडोम मिले थे। यहा खुदाई में मिले कंडोम जानवरों की आंतों से बनाए गए थे। इतिहासकारों का कहना है कि जानवरों की आंतों से बने कंडोम 1646 के आस-पास इस्तेमाल में लाए जाते थे।
आसान नहीं था भारत में कंडोम खरीदना
रबर से बने कंडोम का आविष्कार 1839 में चाल्र्स गुडईयर ने किया था। उन्होंने रबर के कंडोम के अविष्कार के बाद 1844 में इसका पेटेंट भी करा लिया था। रबर के कंडोम के अस्तित्व में आने के कुछ साल बाद से ही कई कंपनियों ने रबर के कंडोम बनाने शुरू कर दिए थे।
कंडोम भारत में भी 1940 के दशक से उपलब्ध है। भारत मे वर्ष 1964 में जनगणना के अनुसार वर्ष 1968 तक भारत में 47 मिलियन लोगों की जनसंख्या के लिए बाजार में केवल दस लाख कंडोम उपलब्ध थे। उस समय भारत में कंडोम की लागत लगभग संयुक्त राज्य अमरीका की तरह ही थी। ऐसे में जिन लोगों की आय कम थी, उनके लिए कंडोम खरीदना आसान नहीं था। ऐसे में वर्ष 1968 में अमरीका, जापान और कोरिया से करीब 400 मिलियन कंडोम आयात किए गए थे।
रबर से बने कंडोम 19वीं शताब्दी में लोगों के बीच खूब लोकप्रिय हुए। 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में इनकी डिमांड में और तेजी हुई। गर्भ निरोधक गोली की शुरुआत से पहले पश्चिमी देशों में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कंडोम का ही सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता था।