जयपुर। संपर्क संस्थान व इंटरनल हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में संपर्क संस्थान की नवीन कार्यकारिणी की उद्घोषणा व स्वागत, काव्यपाठ प्रतियोगिता तथा
स्वास्थ्य परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस दौरान उत्तराखण्ड निवासी हेमा जोशी की पुस्तक जिंदगी खूबसूरत है का विमोचन राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी अध्यक्ष डॉ. बी. एल. सैनी, जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी के सचिव राजेन्द्र मोहन शर्मा,
वरिष्ठ साहित्यकार नंद भारद्वाज , फारुक आफरीदी, प्रबोध गोविल, संपर्क अध्यक्ष अनिल लढ़ा, महासचिव समन्वयक रेनू शब्द मुखर, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत द्विवेदी तथा डॉ. अखिल शुक्ला ने किया।
इससे पूर्व सरस्वती माँ के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया।
संध्या असवाल ने अपने मधुर कंठ से सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। स्वागत उदबोधन में समन्वयक महासचिव रेनू शब्दमुखर ने अपना जीवन सम्पर्क और साहित्य को समर्पित बताते हुए कहा कि उन्हें खुशी है की आज संस्थान में पूरे देश भर के साहित्यकार जुड़े हुए है ।
संस्थान के अध्यक्ष अनिल लढ़ा ने कार्यकारिणी की घोषणा कर स्वागत किया व परिचय दिया। मुख्य संरक्षक
डॉ आरती भदोरिया ने संपर्क के कार्यों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया।
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ प्रशांत द्विवेदी ने जीवन में व्यायाम और खान पान को ठीक रखने की सलाह दी और और जंक फूड को कम कर चेतावनी के सन्देशों को जानते हुए सी पी.आर.की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
मंचासीन नंद भारद्वाज ने अपने उद्बोधन में कि संपर्क संस्थान के साहित्यिक आयोजनों की सराहना करते हुए सामाजिक सरोकारों में अहम भूमिका बताते हुए आज की स्वास्थ्य परिचर्चा का साहित्य के साथ जोड़ने को अद्भुत कार्य बताया ।
काव्यपाठ प्रतियोगिता में निर्णायक वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जय.श्री शर्मा तथा वीना करमचंदानी ने निर्णायक की भूमिका का निर्वहन करते हुए रेशमा खान को प्रथम,v निरुपमा चतुर्वेदी को द्वितीय तथा डॉ. आरती भदोरिया को तृतीय पुरस्कार से सम्मनित किया। सुंदर व भव्य संचालन कवयित्री विजयलक्ष्मी जांगिड़ ने किया।
इन्होंने लिया काव्य पाठ में भाग
डॉ अंजू सक्सेना, सी पी दायमा, डॉ योगिता जोशी, जीनस कँवर, रेशमा खान, कमलेश शर्मा, रमा भाटी, प्रयास कोठारी, विनय कुमार अंकुश, हर्षवर्धन, डॉ.कंचना, मंजू भट्ट, निरूपमा चतुर्वेदी, पवनेश्वरी वर्मा, डॉ.नेहा पारीक, डॉ.आरती भदोरिया, पुष्पा माथुर , हेमा जोशी ने काव्य पाठ किया ।
