विप्र कल्याण बोर्ड : अभी 7 गैर सरकारी सदस्यों का मनोनयन होना बाकी

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जयपुर, 26 फरवरी। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की ओर से हाल ही गठित किए गए विप्र कल्याण बोर्ड में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के अलावा 7 गैर सरकारी सदस्यों का भी मनोनयन किया जाएगा। अभी राजस्थान सरकार की ओर से विप्र कल्याण बोर्ड में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष मनोनीत किए गए हैं। ऐसे में विप्र कल्याण बोर्ड में 7 गैर सरकारी सदस्यों का मनोनयन अभी होना बाकी है।
राज्य सरकार की ओर से बोर्ड के गठन को लेकर जारी की गई अधिसूचना में विप्र कल्याण बोर्ड की गवर्निंग बॉडी के साथ बोर्ड के कर्तव्यों का भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। राज्य सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार इस बोर्ड में कुल नौ पद गैर सरकारी हैं। इनमें से अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्ति की जा चुकी है। बोर्ड का अध्यक्ष महेश शर्मा को बनाया गया जबकि उपाध्यक्ष मंजू शर्मा को बनाया गया है। विप्र कल्याण बोर्ड में 7 गैर सरकारी सदस्यों की नियुक्ति अभी होना बाकी है। वहीं बोर्ड में सरकारी सदस्यों के रूप में उद्योग आयुक्त या उद्योग विभाग का संयुक्त निदेशक स्तर का अधिकारी, शासन सचिव स्कूल शिक्षा या स्कूल शिक्षा का संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी प्रतिनिधि होंगे। इसके अलावा देवस्थान आयुक्त, श्रम निदेशक एवं उसका प्रतिनिधि, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक अथवा उसका कोई प्रतिनिधि होंगे। बोर्ड सचिव के रूप में सामाजिक न्याय विभाग का संयुक्त निदेशक स्तर का अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। बोर्ड बैठकों में राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अथवा प्रतिनिधि को भी बुलाना होगा।

विप्र समाज की तरक्की के लिए कार्य करेगा बोर्ड

विप्र कल्याण बोर्ड के मंदिर-मठों के पुजारियों, कर्मकाण्ड से जुड़े विप्र बंधुओं के साथ सेवादारों आदि को बेहतर अवसर व सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सरकार को सुझाव देगा। इस वर्ग की आर्थिक स्थिति में सुधार तथा विकास को लेकर भी बोर्ड अपने सुझाव सरकार को दे सकेगा। सामाजिक बुराइयां दूर करने के तरीकों व उपायों के बारे में भी बोर्ड सरकार को अवगत करवा सकेगा। विप्र समाज के लिए बनी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ विभिन्न विभागों के समन्वय से संभव हो सकता है। इसकी सिफारिश भी विप्र कल्याण बोर्ड सरकार को करेगा। इसके अलावा विप्र समाज की कला एवं संस्कृति की रक्षा व इसके सर्वांगीण विकास व प्रसार के लिए बोर्ड सरकार को सुझाव व परामर्श देगा।

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