
जयपुर। विनोबा जयंती पर 11 सितंबर को सुबह 10 बजे विनोबा विचार मंच की ओर से गुर्जर की थड़ी पर शांति नगर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विनोबा के जीवन-प्रसंग सुनाए गए। गांधी और विनोबा के संस्मरणों को याद किया गया। इस दौरान विनोबा जी की युवावस्था की काशी- यात्रा, गांधीजी से मुलाकात, शिवाजी के किलों की परिव्राजक बनकर पैदल परिक्रमा, विनोबा का आश्रम जीवन, व्यक्तिगत सत्याग्रह, ऋषि-खेती के संस्मरण, भूदान-यात्रा के अनेक संस्मरण सुनाए गए।
कार्यक्रम में विनोबा विचार-दर्शन से प्रेरित लोगों ने श्रद्धापूर्वक विनोबा को नमन किया। इस मौके पर उपस्थित सभी लोगों को गांधी एवं विनोबा साहित्य और विनोबा का चित्र भेंट किया गया। सर्वोदय-मूल्यों एवं वसुधैव कुटुम्बकम् के संकल्प के प्रति आस्थावान जयपुर के कुछ लोगों का सम्मान भी किया गया। विनोबा की 126वीं जयंती पर उनके चित्र पर सूतांजलि अर्पित की गई।
लोक हितों के सजग प्रहरी कॉमरेड शर्मा का सम्मान
कार्यक्रम में वसुधैव कुटुम्बकम् के लिए आजीवन समर्पित जयपुर के प्रखर विचारक और लोक-हितों के सजग प्रहरी कामरेड रमेशचंद शर्मा एडवोकेट, कवयित्री एवं चित्रकार और जनवादी मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध स्मिता शुक्ला, प्राकृतिक चिकित्सक एवं गांधी-दर्शन की समर्पित कार्यकर्ता डॉ. दीपाली अग्रवाल, रावणा राजपूत समाज के प्रदेश अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता वीरेंद्र रावणा, आमेर के ग्रामीण अंचल में समर्पित समाजसेवी राजेंद्र कुमार शर्मा, जमवारामगढ़ के गांवों में पर्यावरण संरक्षण तथा गांधी-दर्शन के विचारों के प्रसार के लिए अथक परिश्रम कर रहे राकेश मीणा गदली, समर्पित कोरोना-योद्धा कमल शर्मा का सम्मान किया गया। इस अवसर पर विधिवेत्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता राघवेंद्र पारीक एडवोकेट, राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत ) के महासचिव और प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य प्रकाश मिश्रा, प्रमुख इतिहास-अन्वेषक और अध्येता- लेखक एवं शिक्षक डॉ. जयंतीलाल खंडेलवाल, सामाजिक कार्यकर्ता उग्रसेन यादव एडवोकेट, संजय सैनी ने भी विनोबा का स्मरण किया।
विनोबा विचार मंच के संयोजक कुलदीप शर्मा ने कहा कि वयोवृद्ध सर्वोदयी विचारक बाल विजय की प्रेरणा से इस मंच का गठन गत वर्ष 15 नवंबर को विनोबा जी की पुण्यतिथि पर किया गया था। बाल विजय जी चार दशक तक विनोबा के निजी सचिव रहे और 98 वर्ष की उम्र में भी खादी मिशन का कार्य कर रहे हैं, यह काम उन्हें विनोबा ने सौंपा था।
कार्यक्रम में कॉमरेड रमेशचंद शर्मा, राघवेंद्र पारीक, उग्रसेन यादव, राकेश मीणा, राजेंद्र कुमार शर्मा, वीरेंद्र रावणा सभी ने कहा कि वे जयपुर जिले में विभिन्न गांवों से जुड़े हुए हैं और वहां विनोबा जी के दर्शन के प्रसार के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। स्मिता शुक्ला और दीपाली अग्रवाल ने विनोबा को बहुत भावुक शब्दों में याद किया। दीपाली अग्रवाल ने अपने दादा स्वर्गीय चंद्रगुप्त जी वाष्र्णेय को भी याद किया जो सेवाग्राम में गांधीजी के सहयोगी थे और विनोबा के करीब रहे। गणेश सैनी एडवोकेट ने जयपुर से विनोबा से जुड़े संस्मरण सुनाए। विनोबा विचार मंच के सह-संयोजक नीरज डोडा और मोहम्मद वाजिद ने सभी का आभार जताया।
इस अवसर पर विनोबा की गीता-प्रवचन, महात्मा गांधी की गीता-माता, लुई फिशर लिखित गांधी की कहानी सहित गांधी-विचार दोहन, सत्य के साथ प्रयोग आदि पुस्तकें भेंट की गई।
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