जयपुर। रीट भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में फरार चल रहे मास्टरमाइंड वाइस प्रिंसिपल शेरसिंह मीणा को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है। वाइस प्रिंसिपल शेरसिंह पर कोचिंग संचालक भूपेंद्र सारण को 1 करोड़ रुपए में पेपर बेचने का आरोप है। तीन दिन पहले एसओजी को शेरसिंह उर्फ अनिल की जानकारी उड़ीसा में होने की मिली। इस पर एक टीम को उड़ीसा के लिए रवाना किया गया। लोकेशन ट्रेस होने पर जितेन्द्र शर्मा हेड कांस्टेबल एसओजी, सचिन तिवाड़ी,रामलाल, महावीर कांस्टेबल, हनुमान को उड़ीसा भेजा गया, जहां से आरोपी को टीम ने गिरफ्तार किया।
चौमूं का रहने वाला है शेरसिंह
जयपुर के चौमूं स्थित दौला का बास निवासी शेरसिंह मीणा आबूरोड के सरकारी स्कूल में वाइस प्रिसिंपल है। वह पेपरलीक में नाम आने के बाद से फरार था। भूपेंद्र सारण ने शेरसिंह से 4 पेपर खरीदने का खुलासा किया था। पेपरलीक मामले में फरार चल रहे सुरेश ढाका और अनिल उर्फ शेर सिंह पर राज्य सरकार ने 1-1 लाख रुपए का इनाम घोषित किया हुआ था। अभी जेल में बंद भूपेन्द्र सारण ने पूछताछ में बताया था कि उसने के चौमूं निवासी शेर सिंह मीणा से रीट परीक्षा का पेपर एक करोड़ रुपए में खरीदा था।
इसके बाद यह पेपर सुरेश ढाका को बेचा गया और सुरेश ढाका ने अपने साले सुरेश विश्नोई के जरिए अभ्यर्थियों को पेपर 5-5 लाख रुपए में बेचा। शेरसिंह के गिरफ्त में आने से यह खुलासा होने की संभावना है कि आखिर शेरसिंह को पेपर किसने दिया।
कई सालों से नहीं आया गांव
चौमूं में दोला का बास निवासी अनिल मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा पुत्र गोपाल मीणा ने करीब 5 साल पहले अपने गांव से दूरी बना ली थी। उसके दो भाई सरकारी नौकरी करते हैं। एक छोटा भाई गांव में किराना स्टोर चलाता है। गांव में शेर सिंह की मां और छोटा भाई रहते हैं। शेर सिंह कई सालों से गांव नहीं गया। शेर सिंह मीणा उर्फ अनिल मीणा हाल ही में आबूरोड के स्वरूपगंज के भावरी गांव में सरकारी स्कूल में वाइस प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत था। वो लोगों को बताता था कि उसकी जान पहचान सरकार के कई मंत्री और शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों से है।
भूपेंद्र सारण ने इससे पहले काॅन्स्टेबल का पेपर लीक करवाया था।