
मुंबई, 16 फरवरी। मशहूर गायक बप्पी लाहिड़ी का बुधवार को मुंबई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 69 वर्ष के थे। बप्पी लाहिड़ी को ही 80 और 90 के दशक में भारत में डिस्को संगीत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का श्रेय दिया जाता है।
मुंबई के क्रिटिकेयर अस्पताल के निदेशक डॉ दीपक नामजोशी ने बताया कि लाहिड़ी एक महीने तक अस्पताल में भर्ती रहे थे और सोमवार को ही उन्हें छुट्टी दी गई थी। लेकिन मंगलवार को उनकी तबीयत फिर बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें फिर अस्पताल में भर्ती कराया गया। वे कई बीमारियों से ग्रसित थे। मंगलवार देर रात को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण उनका निधन हो गया।
19 की उम्र में बन गए थे म्यूजिक डायरेक्टर
बप्पी लाहिड़ी का जन्म 1952 में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में शास्त्रीय संगीत में एक समृद्ध परंपरा वाले परिवार में हुआ था। उन्होंने 19 साल की उम्र में ही एक संगीत निर्देशक के रूप में अपना करियर शुरू कर दिया था। उनके पिता अपरेश लाहिड़ी एक प्रसिद्ध बंगाली गायक थे और उनकी मां बंसारी लाहिड़ी संगीतकार और गायिका थीं, जो शास्त्रीय संगीत और श्यामा संगीत में पारंगत थीं।
बप्पी लाहिड़ी ने पहला गाना बंगाली फिल्म दादू (1972) में गाया था। गाना गाने का पहला अवसर मिला था। हालांकि हिंदी फिल्मों में उन्होंने फिल्म नन्हा शिकारी (1973) से शुरुआत की। ताहिर हुसैन की हिंदी फिल्म, ज़ख्मी (1975) से उन्हें बॉलीवुड में खुद को स्थापित करने का मौका मिला और एक पाश्र्व गायक के रूप में अपने आपको बॉलिवुड में स्थापित किया।