केंद्रीय आम बजट विकास का शब्द जाल – कविया

Spread the love

नागौर 1 फरवरी। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति व राजस्थानी भाषा प्रसार संस्थान के संस्थापक एवं राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मण दान कविया ने केंद्रीय आम बजट को केवल विकास का शब्द जाल बताया है।
कविया ने आम बजट का सिंहावलोकन कर अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करते हुए बताया कि आय पर लगने वाले टेक्स छूट में किसी तरह की वृद्धि नहीं करके वित्त मंत्री ने मध्यम वर्ग के सभी लोगों को निराश कर दिया।
कर्मचारी की आय सरकारी दस्तावेजों में अंकित होती है। उन्हें तो आयकर सीमा पार होने पर चुकाना ही पड़ता है जबकि पूंजीपति, उद्योगपति अपनी चतुर चालाकियों से अधिक आय होने पर भी उसे रिकॉर्ड में कम दर्शाकर आयकर से बच जाते हैं। इससे साफ झलकता है कि केंद्र सरकार किसान मजदूर एवं कर्मचारियों के प्रति उदासीन है।
पिछले वर्ष सरकारी हठधर्मिता के कारण कृषि कानूनों के विरुद्ध कई किसान मर गए, अब किसान की आय दुगुनी करने का झूठा सब्जबाग दिखाकर इस बजट में आंकड़ों का उळझाड़ प्रस्तुत किया है। अब किसानों को डिजिटल कृषि का लॉलीपॉप दिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के रेलवे स्टेशन ठहराव बंद करके एवं कोरोना के बहाने साधारण किराया बंद करके उसे द्रुतगामी बनाकर गरीब की जेब को खाली करने वाली सरकार नए बजट में 400 वंदे भारत बड़ी ट्रेनें चालू करने जा रही है। बजट में प्राइवेट सेक्टर को प्रोत्साहन देने एवं निजीकरण की ओर अधिक कदम बढ़ाने के भी प्रावधान रखे हैं, जो मजदूर कर्मचारी विरोधी हैं।
दक्षिणपंथी सरकार के इस निर्णय से मजदूर एवं कर्मचारियों का भविष्य और अंधकारमय हो जाएगा। देश में औद्योगिक अशांति का वातावरण बनेगा। मजदूर कर्मचारी अपने हकों के लिए तालाबंदी, धरने एवं हड़ताल जैसे निर्णय विवशतावश लेंगें, जिससे राष्ट्रीय उत्पादन को क्षति पहुंचेगी। साथ ही इससे गरीब – अमीर के बीच बनी खाई और अधिक चौड़ी होगी ।
कविया ने बताया कि बजट में पत्रकारिता भाषा साहित्य संस्कृति एवं कला की श्रीवृद्धि संरक्षण के लिए किसी तरह की कोई नई योजना का प्रावधान नहीं रखा है। इससे देश के पत्रकार, साहित्यकार व कलाकार घोर निराशा महसूस कर रहे हैं। इससे लगता है कि कुल मिलाकर आम बजट आम जन को आराम, सुख सुविधा, शांति प्रदान करने में असफल रहेगा। इसमें तो केवल विकास का शब्दजाल निहित है, जिसे आम आदमी समझ नहीं पा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *