True Love: नींद में पति-पत्नी को सांप ने डंसा, खुद की जान दांव पर लगा पहले पत्नी का इलाज शुरू करवाया

Spread the love
जयपुर के एसएमएस अस्पताल के आईसीयू में भर्ती जगदीश बैरवा

जयपुर। एक पति-पत्नी को नींद के दौरान सांप ने डंस लिया। पति ने तब तक किसी को यह नहीं बताया कि उसको भी सांप ने डंसा है जब तक कि अस्पताल में डॉक्टरों ने पत्नी का उपचार शुरू नहीं कर दिया। हालांकि बाद में पति की हालत बिगड़ गई और उसे आईसीयू में भर्ती रहना पड़ा। यह मामला है राजस्थान के जयपुर जिले की फागी तहसील के गांव जाबड़ का।
बॉलीवुड में तो आपने साथ जीने मरने और प्रेमिका या पत्नी के लिए जान देने तक की बात कहने वाले डायलॉग और गाने खूब सुने होंगे। एक फिल्म में तो हीरो ने यह तक गाने में कह दिया कि दिल दिया है… जान भी देंगे ऐ सनम तेरे लिए, लेकिन इसे हकीकत में चरितार्थ कर दिया है फागी तहसील के गांव जाबड़ के जगदीश बैरवा ने, जिसने सांप डंसने के बाद भी पहले अपना नहीं, पत्नी का इलाज शुरू करवाया, हालांकि जान दोनों की ही बच गई।

सोते वक्त सांप ने डंस लिया दोनों को

मामले के अनुसार इसी माह 5 अगस्त को रात्रि के करीब 11 बजे के आस-पास पति-पत्नी जगदीश बैरवा (48) व लाली देवी (38) दोनों सो रहे थे। इसी दौरान एक ही सांप ने दोनों को डंस लिया। सांप के डंसते ही दोनों की नींद खुल गई। जगदीश तुरंत गाड़ी का इंतजाम कर पत्नी लाली देवी को परिजनों के साथ जयपुर के एसएमएस अस्पताल ले आया। रात्रि को करीब एक बजे के आस-पास लाली देवी का अस्पताल में उपचार शुरू हो गया। इस दौरान जगदीश ने पत्नी लाली देवी सहित किसी को भी आभास नहीं होने दिया कि उसे भी सांप ने डंसा था। जैसे ही लाली देवी का उपचार शुरू हो गया तो उसने साथ आए परिजनों को बताया कि सांप ने उसे भी डंसा है। अब उसका भी इलाज शुरू करवाओ।

जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती लालदेवी।

दिल को छू गया जगदीश का जवाब

परिजनों ने जब जगदीश से कहा कि उसने पहले क्यों नहीं बताया तो जगदीश ने तो कहा, वो वाकई दिल छूने वाला था। उसने कहा-
मैं अगर पहले बता देता तो पत्नी का इलाज होने में देर हो सकती थी और उसकी जान भी जा सकती थी। वो ही मेरी जान है। अब उसका इलाज शुरू हो गया। अब मेरा इलाज करवा लूंगा।

गंभीर हो गई जगदीश की हालत

हालांकि इलाज में देरी के कारण जगदीश की हालत इस दौरान गंभीर हो गई और उसे पांच दिन एसएमएस अस्पताल के आईसीयू में गुजारने पड़े। अब जगदीश एकदम स्वस्थ होकर अपने गांव चला गया है। उसकी पत्नी तो नॉर्मल वार्ड में भर्ती रही और स्वस्थ होकर घर चली गई।

शब्द नहीं, सिर्फ आंसू बहे पत्नी की आंखों से

इस संबंध में जगदीश से बात हुई तो उसने बताया कि आईसीयू में भर्ती होने के बाद मैंने जीने की आस छोड़ दी थी, लेकिन पत्नी की दुआओं और एसएमएस के एडवांस आईसीयू फस्र्ट, जहां मैं भर्ती रहा, उन चिकित्सा कर्मियों और नर्सिंग स्टाफ के अथक प्रयासों से मैं सकुशल घर लौट सका। पत्नी से बात करने की कोशिश की तो पति के अगाध प्रेम के आगे वो बोल कुछ नहीं सकी, बस उसकी आंखों से खुशी का झरना बह निकला, जो शायद बयां कर रह था कि ऐसा पति मिलना उसके कोई पुण्य कर्मों का ही प्रतिफल है।

जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती लालदेवी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *