राममंदिर निर्माण के लिए नहीं आएगी गुलाबी पत्थरों की कमी

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बंशी पहाड़पुर में दो खानों में खनन कार्य आरंभ
सैंड स्टोन की पहली खेप का रवन्ना जारी


जयपुर.
भगवान श्रीराम मंदिर के अयोध्या में निर्माणधीन मंदिर के लिए अब हल्के गुलाबी और लाल पत्थरों की कमी नहीं आएगी। मंदिर निर्माण में इन पत्थरों का ही सर्वाधिक उपयोग होगा।
राजस्थान में बंशीपहाड़पुर की दो माइंस में खनन कार्य आरंभ होने के साथ सोमवार को दोपहर में 50 टन से अधिक के सैण्ड स्टोन के परिवहन के साथ दो वाहनों के रवन्ना भी जारी हो गए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि बंशीपहाड़पुर में वैध खनन कार्य आरंभ कराना सरकार के सामने बड़ी चुनौती भरा काम था पर राज्य का प्रभावी तरीके से पक्ष रखने का परिणाम रहा कि पहले केन्द्र सरकार से वन भूमि का डायवर्जन कराया गया और उसके बाद प्लॉटों को तैयार कर आक्शन की प्रक्रिया पूरी की गई।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अथक प्रयासों से ही अतिसंवेदनशील बंशी पहाड़पुर खनन क्षेत्र ब्लॉक ए व बी सुखासिला एवं कोट क्षेत्र को बंध बारेठा वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र के बाहर करवाया गया और उसके बाद केन्द्र सरकार के वनए पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भरतपुर के बंशी पहाड़पुर में खनिज सेंड स्टोन के खनन के लिए वन भूमि के डायवर्जन की स्वीकृति जारी कराई गई। भारत सरकार की स्वीकृति के साथ ही राज्य के माइंस विभाग ने बंशी पहाड़पुर में खनन ब्लॉक तैयार कर इनके ऑक्शन की तैयारी आरंभ की।
माइंस एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया भी बंशी पहाडपुर क्षेत्र में खानों के प्लॉट तैयार कर उनकी ई नीलामी व वैद्य खनन के लिए किए जा रहे प्रयासों की निरंतर मोनेटरिंग करते रहे हैं। एसएमई जयपुर प्रताप मीणा को इस कार्य के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए प्रभारी अधिकारी बनाया गया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने देश भर में बंशी पहाड़पुर के गुलाबी और लाल पत्थर की मांग को देखते हुए यहां हो रहे अवैध खनन को रोककर वैध खनन की अनुमति के लिए सभी संभावित प्रयास करने के निर्देश दिए थे और उसी का परिणाम है कि इस क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र से बाहर करने और वन भूमि के डायवर्जन की अनुमति के बाद विभाग द्वारा 41 प्लॉटों की ई.नीलामी की गई। बंशी पहाडपुर के पत्थर की श्रीराम मंदिर निर्माण में भी मांग को देखते हुए यह इस क्षेत्र में वैध माइंनिग शुरु करवाना राज्य सरकार के लिए संवेदनशील रहा है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने बंशीपहाड़पुर में 41 प्लॉट तैयार कर भारत सरकार के पोर्टल के माध्यम से ईनीलामी के बाद पहले कलस्टर क्लीयरेंस प्राप्त की गई। पिछले दिनों 41 मंशाधारकों में से 12 मंशाधारकों को आज एसईआईए द्वारा पर्यावरणीय क्लीयरेंस जारी कर दी गई है। पर्यावरणीय क्लीयरेंस की कार्यवाही जारी है और 17 मंंशापत्रधारकों की पर्यावरणीय क्लीयरेंस के लिए एसईएसी में 18 जून को सुनवाई है। बाकी बचे मंशाधारकों को भी जल्दी ही एंवायरमेंट क्लीयरेंस मिल जाने की संभावना है। गौरतलब है कि बंशीपहाड़पुर में 242 हैक्टेयर क्षेत्र में 41 प्लॉट तैयार का ई नीलामी की कार्यवाही की गई।

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