प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर हो अग्निशमन सेवा केन्द्र – सांसद चौधरी

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अजमेर, 12 फरवरी। लोकसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान सांसद भागीरथ चौधरी ने ग्रामीण भारत एवं पंचायत राज के महत्वपूर्ण मुद्दे अग्निशमन सेवाओं को पंचायतराज के अधीन करने के लिए आवश्यक संवैधानिक प्रावधान का मामला शून्यकाल के दौरान सदन में उठाया। इस दौरान सांसद भागीरथ चौधरी ने कहा कि हम एक उन्नत और प्रगतिशिल युग में निरन्तर विकास के नए सौपान गढ रहे है, भारत जो कि कृषि प्रधान देश रहा है और इसकी आत्मा गांवों में निवास करती है। ग्रामीण भारत के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से अब शहरी और ग्रामीण सुविधाओं का अन्तर समाप्त हो गया है। ग्रामीण भारत में भी महानगरों की तरह बिजली, पानी, इन्टरनेट की सुविधा से अब नया भारत बन रहा है। चौधरी ने सदन का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि अभी भी ग्रामीण भारत की एक बहुत बड़ी समस्या है और जिसका समाधान अति आवश्यक है।

अग्निशमन सेवाओं का हो विस्तार

ग्रामीण भारत में किसानों एवं ग्रामीणों की जमा पूंजी उसके खेत, खलिहान, बाड़ों में होती है, पशुपालन ग्रामीण भारत की रीढ है और ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध उत्पादन के लिए पाले जाने वाले पशु गाय, भैंस, भेड़, बकरी आदि भी ग्रामीणों के परिवार की तरह ही होते हैं, किन्तु प्राय: ग्रामीण क्षेत्रों में आग की घटनाएं होने पर बड़ी संख्या में पालतू मवेशी अग्निकांड में जल जाते हैं। खेत खलिहान नष्ट हो जाते है, जिससे ग्रामीणों, किसानों एवं पशुपालकों की सारी जमा पूंजी नष्ट हो जाती है। जब भी अग्निशमन सेवाओं की बात आती है, हमारा सारा ध्यान शहरी क्षेत्रों में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार पर ही जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक इस दिशा में गत 70 वर्षो में कोई सार्थक एवं ठोस प्रयास नही हुआ है। संविधान की 12 वीं अनुसूचि के अनुच्छेद 243 के तहत अग्निशमन सेवाओं को शहरी निकायों के अधीन किया गया है, ऐसे में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जब आग लगने की घटनाएं होती है तो अग्निशमन के वाहन घटना स्थल तक पहुंचने में लम्बा समय लेते है और तब तक सब कुछ नष्ट हो चुका होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में अग्निशमन सेवाओं हेतु ऐसा कोई प्रावधान अभी तक बाध्यकारी नही है। अब जब हम ग्रामीण और शहरी सीमाओं में सुविधाओं के अन्तर को पाट रहे है। ऐेसे में अग्निशमन सेवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों हेतु नजरअन्दाज नही किया जा सकता जबकि वस्तुत: ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाली आग काफी भयंकर और जान माल की क्षति करने वाली होती है। इस सम्बन्ध में पंचायत राज अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभा सकता है, पंचायत समिति स्तर पर यदि अग्नि शमन वाहन होंगे तो कम समय में घटना स्थलों पर पहुंच होगी और जानमाल के नुकसान को रोका जा सकता है। सांसद चौधरी ने प्रधानमंत्री और केन्द्रीय पंचायत राज मंत्री से आग्रह किया है कि पंचायत अधिनियम में पंचायत समिति स्तर पर अनिवार्य अग्निशमन सेवाओं का प्रावधान कराने हेतु सदन में आवश्यक कार्यवाही करावें ताकि नए ग्रामीण भारत में होने वाली आग की घटनाओं से राहत मिल सकें, जोकि आधुनिक ग्रामीण भारत की तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा हेतु मील का पत्थर होगा।

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