सतर्क रहें! बच्चों को अगवा कर दी जाती हैं असहनीय यातनाएं
कानपुर। देश के कई शहरों से बच्चों के लापता होने की खबरें आए दिन आती रहती हैं। अगर आपके आस-पास भी ऐसा हो रहा है तो सावधान हो जाइए। बच्चों को अगवा करने का ये घिनौना काम कर रहे हैं मानव अंगों की तस्करी व भिखारी गैंग से जुड़े लोग। हाल ही इसका खुलासा हुआ है कानपुर शहर के नौबस्ता इलाके से छह माह पहले लापता हुए किशोर के घर लौटने पर। इस किशोर ने घर लौटने के बाद जो दास्तां बताई, वो रोंगटे खड़े करने वाली है। इस किशोर को अगवा करने के बाद भिखारी गैंग ने इसकी आंख फोड़ दी। इनकी बर्बरता यहीं नहीं रुकी, इसके बाद किशोर के हाथ-पैर तोड़कर उसे अपाहिज बना दिया गया और फिर शुरू हुआ भीख मांगने का कारोबार। यह किशोर है कानपुर के नौबस्ता इलाके का सुरेश मांझी। इसके बताए अनुसार पुलिस ने भिखारी गैंग में शामिल एक युवक और महिला को पकड़ा है। इन दोनों ने भिखारी गैंग के सरगना विजय से 25 हजार में सुरेश मांझी को खरीदा था। पुलिस कार्रवाई का पता चलते ही सरगना विजय फरार हो गया, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस की जांच के दौरान सामने आया है कि यह गैंग UP के कानपुर और आस-पास के शहरों से बच्चों व महिलाओं को अगवा करती है। इसके बाद इन्हें अपाहिज बनाकर दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में भिखारी गैंग को बेच दिया जाता है।
मां और बेटे ने कइयों को बनाया अपाहिज
सुरेश मांझी की रिपोर्ट पर कानपुर से पकड़े गए महिला व युवक मां-बेटे हैं। कानपुर के नौबस्ता इलाके के यशोदा नगर से 6 माह पहले गायब हुए सुरेश मांझी को इन्होंने सरगना विजय से खरीदा था। सुरेश मांझी 6 महीने बाद घर लौटा तो उसकी हालत बेहद गंभीर थी। सुरेश ने ही बताया कि उसे भिखारी गैंग ने अगवा कर लिया था। यह गैंग सुरेश की आंख फोड़ने और हाथ-पैर तोड़ने के बाद उससे दिल्ली के रेड सिग्नल और चौराहों पर भीख मंगवा रही थी। सुरेश मांझी के शरीर पर कई जगह जख्म भी किए गए थे, जिससे कि तरस खाकर लोग उसे अधिक भीख दे सकें।
पुलिस ने मां-बेटे को किया गिरफ्तार
सुरेश मांझी की रिपोर्ट पर ही नौबस्ता पुलिस ने कानपुर में मछरिया गुलाबी बिल्डिंग के पास रहने वाले विजय, एक महिला आशा और उसके बेटे राज नागर के खिलाफ कार्रवाई की थी। इस दौराना महिला और युवक को तो पुलिस ने अरेस्ट कर लिया, लेकिन सरगना विजय कानपुर से फरार हो गया। पुलिस कार्रवाई के लिए दिल्ली भी गई, लेकिन वहां भी गैंग में शामिल शातिर फोन बंद कर फरार हो गए। ऐसे में पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा।
लाखों रुपए में बेचते हैं भिखारी गैंग को
पुलिस पूछताछ के दौरान महिला आशा देवी और राज ने बताया कि उनके सामने ही युवकों व बच्चों को अगवा करने के बाद केमिकल डालकर आंख फोड़ी जाती थी। इस दौरान उनके हाथ-पैर तोड़कर अपाहिज बनाया जाता था। इसके बाद उन्हें दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में भिखारी गैंग को लाखों रुपए में बेच दिया जाता है।
कुछ घंटों में ही 15 सौ से 2 हजार की कमाई
भिखारी गैंग के चंगुल से बचकर आए कानपुर के नौबस्ता इलाके के निवासी सुरेश मांझी ने बताया कि गैंग के लोग उनके शरीर पर रोजान जख्म देते थे, जिन्हें देखकर किसी का भी दिल पसीज सकता है। इतना ही नहीं, इसके बाद रोजाना सुबह-शाम उन्हें नशे का इंजेक्शन दिया जाता है। इसके बाद सुबह अंधेरे ही उन्हें दिल्ली के रेड सिग्नल पर भीख मांगने के लिए छोड़ दिया जाता था। सुरेश मांझी ने बताया कि उनकी हालत देखकर कुछ घंटे में 1500 से 2000 रुपए भीख मिल जाती थी। इस दौरान गैंग के सदस्य उन पर पूरी नजर रखते थे कि कहीं कोई इधर-उधर भाग न जाए।