बरसाती पानी एकत्रित करना ही सटीक उपाय

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दौसा जिला प्रशासन ने शुरू किए कार्य


जयपुर.
पानी की कमी के कारण लोगों को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहीं नहीं जहां पानी है वहां पानी की गुणवत्ता में भारी गिरावट आ रही है। ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। इस स्थित में बरसाती पानी को बचाना और एकत्रित करना ही एकमेव उपाय है।
दौसा जिले को भू जल वैज्ञानिकों ने डार्क जोन घोषित कर दिया है। जिले के सभी उपखण्डों, तहसील एवं पंचायत समिति स्तर सहित शहर सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या का सामना करना पड रहा है। आमजन की प्यास बुझाने के लिये जलदाय विभाग द्वारा टैंकरों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। जिले में कुओं एवं बावडिय़ों का जल सूख गया है। जानवरों के लिये भी पीने का पानी उपलब्ध करवाना आमजन को भारी पड़ रहा है। सिंचाई के लिये भी अब पर्याप्त मात्रा में पानी नही रहा है। बोरिंग सूख गये हैं तथा जल स्तर बहुत नीचे जा चुका है।
इसको देखते हुए जिला कलक्टर कमर चौधरी ने वर्षा के बहते जल का संरक्षण करने के लिये एक अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत वाटर हार्वेस्टिंग, पुराने कुओं एवं बावडिय़ों की सफाई एवं खुदाई के कार्य को प्राथमिकता से लिया गया है। अभियान का शुभारम्भ 29 मई 2022 को जिला कलक्टर कमर चौधरी व पुलिस अधीक्षक राजकुमार गुप्ता ने किला सागर दौसा में बने एनिकट की सफाई एवं खुदाई के कार्य से किया। इस कार्यक्रम में जिला कलक्टर ने स्वयं फावड़ा एवं गैंती लेकर एनिकट में खुदाई का कार्य करना चालू किया तो उनके सहयोग के लिये सभी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, पुलिस के अधिकारी एवं कर्मचारियों सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिकों ने भी सहयोग प्रदान कर एनिकट की सफाई एवं खुदाई में सहयोग प्रदान किया गया। अभियान के दूसरे रविवार यानि 5 जून 2022 को ग्राम पंचायत भांकरी में बालाजी वाली बावड़ी की सफाई एवं खुदाई कार्य में जिला प्रशासन के सहयोग के लिये लोगों का तांता लग गया। बावड़ी की सफाई एवं खुदाई के लिये महिला एवं पुरुषों की लाइनें लगाकर पराती से मिट्टी निकालने का कार्य किया गया। इसी प्रकार जिले के सभी उपखण्ड, तहसील, पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत स्तर पर अभियान को आगे बढ़ाते हुये कुओं, बावड़ी, तालाब, एनिकट आदि की साई एवं खुदाई का कार्य किया जा रहा है।
इसके साथ ही जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा जल के संरक्षण के लिये सभी सरकारी एवं गैर सरकारी भवनों की छत के पानी को संरक्षित करने के लिये रैन वाटर हार्वेस्टिंग किया जायेगा। इसके लिये भी अभियान चलाया जा रहा है। इसमें सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों के भवनों, सरकारी कार्यालयों, गैर सरकारी संस्थानों के भवनों एवं निजी आवासीय भवनों पर भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग करवाने का कार्य किया जा रहा है। इससें वर्षा के बहले जल को संरक्षित किया जा कर आमजन के उपयोग में लाने का कार्य किया जायेगा।

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