श्रमिकों के अधिकारों के प्रति चेतना जागृत करना है प्रमुख कार्य

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भारतीय मजदूर संघ तहसील किशनगढ़ की बैठक संपन्न


मदनगंज-किशनगढ़.
भारतीय मजदूर संघ संभाग अजमेर के संगठन मंत्री धर्मू पारवानी ने कहा कि आज हमें इस बात का गर्व है कि हमारा संबंध भारतीय मजदूर संघ जैसे गैर राजनीतिक राष्ट्रवादी श्रम संगठन के साथ है। स्वतंत्र विचारधारा के कारण यह श्रम संगठन भारत का ही नहीं वरन पूरे विश्व में मान्यता प्राप्त है। धर्मू पारवानी किशनगढ़ के सुभाष उद्यान में तहसील स्तरीय भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के साथ हो रहे शोषण के विरोध में आवाज उठा कर उनके अधिकारों को प्राप्त करने के लिए चेतना जागृत करना इस संगठन का मूल उद्देश्य है। हमारी प्रबल संगठन भक्ति तथा श्रमिकों के प्रति स्पष्ट प्रतिबद्धता को देखकर हमारे विरोधी हतप्रभ है। जहां श्रमिकों कर्मचारियों में हमारे प्रति विश्वास बढ़ा है वहीं जनता में हमारी साख भी बढ़ी है। जलदाय महासंघ के प्रदेश महामंत्री किशोर नाथ सिसोदिया ने कहा कि भारत में अन्य संगठनों की तरह भारतीय मजदूर संघ किसी संगठन के विभाजन के कारण खड़ा नहीं हुआ है वरन एक विचारधारा के लोगों का यह सम्मिलित प्रयास का परिणाम है। यह देश का एकमात्र पहला श्रमिक संगठन है जो किसी राजनीतिक दल की श्रमिक ईकाई नही है। यही कारण है कि स्थापना के पश्चात द्रुतगति से उन्नति करते हुए आज भारतीय मजदूर संघ देश का सर्वाधिक सदस्य संख्या वाला श्रम संगठन है। आमंत्रित पदाधिकारी कौशल्या प्रजापति ने कहा कि आंगनवाड़ी सहित कामकाजी महिलाओं के जीवन स्तर को बढ़ाने के लिए भारतीय मजदूर संघ निरन्तर प्रयत्नशील है। आज नारीशक्ति को जागृत होकर भारतीय मजदूर संघ के कार्य को और बढ़ावा देने की परम आवश्यकता है।
इस अवसर पर विजयकृष्ण सक्सेना, कानमल माली, पूसाराम जाट, राजेन्द्र माली, रमेश दीक्षित, राजेश सैन, अशोक कुमार सैनी, रामचंद्र गोधा, सुरेन्द्र माथुर, महेन्द्र माथुर, महंत जुगल किशोर, कानाराम मालाकार, बाबूलाल सैनी, मांगी लाल माली, नेमीचंद कच्छावा, जगदीश माली, चंदू अजमेरा, अरविंद चारण, विष्णु आचार्य, विश्राम गुर्जर, बजरंग सिंह, केसर सिंह धाभाई, मुकेश सदावत, पूनम रूहिल, परमेश्वर गौरा, गोवर्धन नाथ बिदावत, सुरेन्द्र नाथ सिसोदिया, श्योजी राम गुर्जर, शंकर सिंह राठौड़, राम लाल प्रजापति, किरण शर्मा, शशि कुमावत, सुरेश पींगलोद, सुखदेव गौरा, किशन प्रजापति, महेन्द्र धाभाई, मुनीर अहमद आदि ने भी इस बैठक को संबोधित किया। इस बैठक की अध्यक्षता तहसील संयोजक लक्ष्मण गढ़वाल ने की एवं सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

तकनीकी पदों को समाप्त करने का निर्णय कुठाराघाती

राजस्थान जलदाय कर्मचारी महासंघ संबंध भारतीय मजदूर संघ जयपुर ने जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग राजस्थान द्वारा विभिन्न खंडों एवं उपखंडों से 304 तकनीकी पदों को समाप्त करने की निंदा की है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष जेठाराम डूडी व प्रदेश महामंत्री किशोर नाथ सिसोदिया के अनुसार विभाग में विभिन्न संवर्ग के 304 तकनीकी पदों को समाप्त करने का निर्णय कर्मचारी हितों के लिए कुठाराघात है। विभाग को आईएफएम बजट मॉडयूल पर स्वीकृत पदों के विरुद्ध उतनी ही संख्या में पद प्रदर्शित करवाए जाने चाहिए थे। विभाग के मुख्य अभियंता प्रशासन ने अपने आदेश में इतनी बड़ी संख्या में पदों को समाप्त करने का कारण स्पष्ट नहीं किया है कि किस कारण से इन पदों को समाप्त करने का विभाग द्वारा निर्णय लिया गया है। कार्यरत कर्मचारियों सहित स्वीकृत कुल पदों एवं आई एफएमएस के बजट मॉडयुल पर अंकित पदों में विरोधाभास की स्थिति उत्पन्न हुई है तथा यही कारण रहा कि सरकार ने कार्यरत व स्वीकृत आवंटित पदों के विवरण का बजट अनुसार मिलान नहीं होने के कारण इन 304 तकनीकी पदों को समाप्त करने के निर्देश प्रदान किए हैं। स्पष्ट है कि विभाग ने आईएफएमएस के बजट मॉडयुल पर स्वीकृत पदों के विरुद्ध उतनी संख्या में पदों को प्रदर्शित कराने की कार्रवाई नहीं करवाई है जिसका खामियाजा आज विभाग के कर्मचारियों को उठाना पड़ा है। यहां यह भी स्पष्ट कराना उचित होगा कि विभिन्न खंड एवं उपखंड स्तर पर समय-समय पर की जाने वाली डीपीसी की कार्रवाई में उपरोक्त उत्पन्न विरोधाभास की स्थिति को देखते हुए ही अधीनस्थ कई अधिकारियों ने समय समय पर मुख्य अभियंता से आईएफएमएस के बजट मॉड्यूल पर स्वीकृत पदों के विरुद्ध उतनी ही संख्या में पद प्रदर्शित नहीं होने पर वर्तमान में कार्यरत स्वीकृत आवंटित पदों का विवरण प्रस्तुत कर बजट मद अनुसार स्वीकृत पदों की सही स्थिति से अवगत कराने की मांग की जा चुकी है किंतु विभाग मुख्यालय द्वारा अधीनस्थ अधिकारियों को इस बारे में अब तक कोई स्पष्ट नहीं किया गया जिसकी वजह से भी अनेक डीपीसी की कार्रवाईयां आज तक नहीं हो पाई है। राजस्थान जलदाय कर्मचारी महासंघ उक्त निर्णय का कड़ा विरोध करता है साथ ही यह भी मांग करता है कि विभाग समाप्त किए गए इन 304 पदों को आवश्यक कार्रवाई कर के सरकार से पुन: सृजित कराने की कार्रवाई करें अन्यथा कर्मचारियों की ओर से प्रदेश व्यापी आंदोलन होगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग राजस्थान की होगी।

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