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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मेंटर टीचर प्रशिक्षण शिविर का दूसरा दिन
किशनगढ़। समग्र शिक्षा अभियान किशनगढ़ के तत्वावधान में सांवत्सर स्थित जाट समाज धर्मशाला में चल रहे पांच दिवसीय (गैर आवासीय) आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मेंटर टीचर प्रशिक्षण शिविर में द्वितीय दिवस मंगलवार को दक्ष प्रशिक्षकों द्वारा उपस्थित संभागीयों को मूल रूप से यह बात बताई गई कि,बाल्यावस्था के पहले आठ वर्ष, जिन्हें प्रारंभिक वर्षों के रूप में जाना जाता है, को विश्व स्तर पर बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण अवधि माना जाता है। तंत्रिका विज्ञान और छोटे बच्चों में उनके विकास के लिए निवेश करने के आर्थिक लाभों के साक्ष्य के बावजूद, यह एक ऐसा क्षेत्र बना हुआ है जिस पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा पर राष्ट्रीय नीति (2013) छोटे बच्चों की उम्र और विकास की दृष्टि से उपयुक्त सामग्री के महत्व को संदर्भित करती है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (अध्याय-1) में भी ईसीसीई को महत्वपूर्ण निवेशों में से एक के रूप में मान्यता देती है और यदि इसे अच्छी तरह से लागू किया जाता है तो निश्चित रूप से
वर्तमान में प्राथमिक शिक्षा स्कूल प्रणाली में कम सीखने के स्तर की समस्या को हल किया जा सकता है और बच्चों को आजीवन सीखने के लिए एक ठोस आधार सुनिश्चित हो सकता है। मिडिया संयोजक एवं संदर्भ व्यक्ति सीडब्ल्यूएसएन चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि द्वितीय दिवस शिविर प्रभारी द्वारा प्रशिक्षण स्थल का अवलोकन किया गया और सभी व्यवस्थाएं जांची गई। शिविर प्रभारी एवं प्रधानाचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय शार्दूल श्रीमती फरीदा भाटी ने प्रशिक्षण के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा कार्यक्रम की सफलता काफी हद तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर निर्भर करती है, जो कार्यक्रम के मेंटर टीचर के सीधे संपर्क में हैं। इसके लिए राजस्थान में समेकित बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कुशल और प्रभावी तरीके से सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से समय- समय पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। राज्य में आंगनवाड़ी केन्द्रों को राजकीय विद्यालयों के साथ भौतिक अथवा प्रशासनिक रूप से एकीकृत/ समन्वित किया गया, जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अकादमिक सहायता के लिए लेवल-1 के कक्षा 1 और 2 में पढ़ाने वाले शिक्षक को मेंटर टीचर के रूप नियुक्त किया गया है। शिविर संयोजक एवं संदर्भ व्यक्ति पवन कुमार शर्मा ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया की शिविर में फुल 144 संभागी हिस्सा ले रहे हैं। जिनमें 72 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं 72 मेंटर टीचर मुख्य रूप से शामिल हैं। मंगलवार को द्वितीय दिवस शिविर के दक्ष प्रशिक्षक के रूप में रीना चौधरी, अंतिमा चौबे शकुंतला ज्योति याना, आश्का, सीमा सारंडा एवं विष्णु कुमार मालाकार आदि ने संभागीयों को तीन अलग -अलग समूहों में गतिविधि आधारित प्रशिक्षण प्रदान किया।दक्ष प्रशिक्षकों द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र पर चलने वाली समस्त गतिविधियों की जानकारी प्रदान की गई, जिसके चलते प्रातः कालीन सत्र से लेकर अंत के स्वतंत्र खेल तक प्रशिक्षण दिया गया। संभागीयों को बच्चों के शुरुआती 6 वर्षों में मस्तिष्क के विकास और संवेगात्मक में संज्ञानात्मक विकास के महत्व को लेकर जानकारी भी प्रदान की गई और आंगनवाड़ी केंद्र पर काम आने वाली शिक्षण सामग्री का निर्माण भी करवाया गया। इस दौरान शिविर सह प्रभारी सरदार चौधरी, कैलाश चौधरी एवं अनिता शर्मा ने शिविर संचालन में महत्ती सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से संदर्भ व्यक्ति अशोक कुमार यादव, प्रेमचंद शर्मा व ओम प्रकाश शर्मा उपस्थित रहे।
वर्तमान में प्राथमिक शिक्षा स्कूल प्रणाली में कम सीखने के स्तर की समस्या को हल किया जा सकता है और बच्चों को आजीवन सीखने के लिए एक ठोस आधार सुनिश्चित हो सकता है। मिडिया संयोजक एवं संदर्भ व्यक्ति सीडब्ल्यूएसएन चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि द्वितीय दिवस शिविर प्रभारी द्वारा प्रशिक्षण स्थल का अवलोकन किया गया और सभी व्यवस्थाएं जांची गई। शिविर प्रभारी एवं प्रधानाचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय शार्दूल श्रीमती फरीदा भाटी ने प्रशिक्षण के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा कार्यक्रम की सफलता काफी हद तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर निर्भर करती है, जो कार्यक्रम के मेंटर टीचर के सीधे संपर्क में हैं। इसके लिए राजस्थान में समेकित बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कुशल और प्रभावी तरीके से सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से समय- समय पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। राज्य में आंगनवाड़ी केन्द्रों को राजकीय विद्यालयों के साथ भौतिक अथवा प्रशासनिक रूप से एकीकृत/ समन्वित किया गया, जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अकादमिक सहायता के लिए लेवल-1 के कक्षा 1 और 2 में पढ़ाने वाले शिक्षक को मेंटर टीचर के रूप नियुक्त किया गया है। शिविर संयोजक एवं संदर्भ व्यक्ति पवन कुमार शर्मा ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया की शिविर में फुल 144 संभागी हिस्सा ले रहे हैं। जिनमें 72 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं 72 मेंटर टीचर मुख्य रूप से शामिल हैं। मंगलवार को द्वितीय दिवस शिविर के दक्ष प्रशिक्षक के रूप में रीना चौधरी, अंतिमा चौबे शकुंतला ज्योति याना, आश्का, सीमा सारंडा एवं विष्णु कुमार मालाकार आदि ने संभागीयों को तीन अलग -अलग समूहों में गतिविधि आधारित प्रशिक्षण प्रदान किया।दक्ष प्रशिक्षकों द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र पर चलने वाली समस्त गतिविधियों की जानकारी प्रदान की गई, जिसके चलते प्रातः कालीन सत्र से लेकर अंत के स्वतंत्र खेल तक प्रशिक्षण दिया गया। संभागीयों को बच्चों के शुरुआती 6 वर्षों में मस्तिष्क के विकास और संवेगात्मक में संज्ञानात्मक विकास के महत्व को लेकर जानकारी भी प्रदान की गई और आंगनवाड़ी केंद्र पर काम आने वाली शिक्षण सामग्री का निर्माण भी करवाया गया। इस दौरान शिविर सह प्रभारी सरदार चौधरी, कैलाश चौधरी एवं अनिता शर्मा ने शिविर संचालन में महत्ती सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से संदर्भ व्यक्ति अशोक कुमार यादव, प्रेमचंद शर्मा व ओम प्रकाश शर्मा उपस्थित रहे।