अग्‍नि‍वीर बनने आए दो सगे भाइयों की मौत, दोनों की दौड़ के दौरान बि‍गड़ी थी तबि‍यत

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एक जैसे ही मौत होने से चि‍कि‍त्‍सक भी हैं हैरान

भोपाल। मध्‍यप्रदेश के भोपाल में चल रही अग्‍नि‍वीर भर्ती में शामि‍ल होने आए दो सगे भाइयों की मौत हो गई। दोनों सगे भाई अग्‍निवीर भर्ती के लि‍ए आयोजि‍त दौड़ में शामि‍ल हुए थे। दौड़ लगाने के दौरान दोनों की तबीयत बि‍गड़ गई। इसके बाद दोनों भाइयों को अस्‍पताल लाया गया, जहां एक के बाद एक दोनों ने दम तोड़ दि‍या। दोनों भाई कि‍सान परि‍वार से थे। इस तरह दोनों भाइयों की मौत से परि‍वार तो सदमे में है ही, लेकि‍न डॉक्टर इस तरह हुई मौत से हैरान हैं।

जानकारी के अनुसार दोनों भाई रुपेंद्र और अंकि‍त बैतूल के दि‍यामहू गांव के रहने वाले थे। जो अग्‍नि‍वीर भर्ती में शामि‍ल होने के लि‍ए भोपाल आए थे। दोनों भाइयों की भर्ती के लि‍ए आयोजि‍त की गई दौड़ के दौरान तबीयत बिगड़ी थी। इसके बाद दोनों को अस्‍पताल पहुंचाया गया, जहां उपचार के दौरान एक के बाद एक दोनों भाइयों ने दम तोड़ दि‍या। इनके पि‍ता कि‍सान हैं, उनके दो बेटे और एक बेटी है। दोनों बेटों की मौत के बाद अब घर में केवल बेटी मोनि‍का ही बची है।

सेना में भर्ती होने के लि‍ए दो साल से कर रहे थे तैयारी

रुपेंद्र ने 2020 में ही 12वीं कक्षा पास कर ली थी। उसका सपना सेना में भर्ती होकर देश सेवा करना था। इसके लि‍ए उसने 12वीं कक्षा पास करने के साथ ही सेना भर्ती के लि‍ए कोचिंग भी ज्‍वॉइन कर ली थी। वह दो साल से सेना में भर्ती होने के लि‍ए तैयारी कर रहा था। इस दौरान छोटा भाई अंकि‍त भी उसके साथ ही तैयारी में लगा था। भोपाल में अक्टूबर से ही अग्‍निवीर के लि‍ए भर्ती चल रही थी। बड़े भाई का 29 अक्टूबर को शारीरिक परीक्षण हुआ और इसके बाद वह दौड़ में शामि‍ल हुआ था। दौड़ के बाद वह बेहोश होकर गिर गया। उसे पहले भोपाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां से परिजन उसे बैतूल ले आए। बैतूल में उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 5 दि‍न बाद 4 नवंबर को उसकी मौत हो गई।

बडे़ भाई के बाद छोटा भाई भी नहीं रहा

छोटा भाई अंकि‍त भी देश सेवा के लि‍ए सेना में भर्ती होना चाहता था। वह आईटीआई कर रहा था। बड़े भाई की मौत से एक दिन पहले 3 नवंबर को अंकि‍त भी अग्‍नि‍वीर भर्ती में शामि‍ल होने के लि‍ए भोपाल पहुंचा था। भर्ती के लि‍ए दौड़ के दौरान उसकी भी बड़े भाई की तरह ही तबीयत बि‍गड़ गई। उसे भी परि‍जन बैतूल लेकर पहुंचे, जहां से उसे नागपुर के एक निजी अस्पताल के लि‍ए रेफर कर दिया गया। नागपुर के एक निजी अस्पताल में 4 दिन तक अंकि‍त का इलाज चलता रहा, लेकि‍न आखि‍र में जिंदगी और मौत से जूझते हुए उसने भी दम तोड़ दि‍या। परि‍जन यह नहीं समझ पा रहे हैं कि‍ दोनों की मौत एक जैसे ही कैसे हुई। वहीं डॉक्‍टर भी इस तरह से दोनों की मौत को लेकर हैरान हैं।

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