सूरत। मानहानि के एक मामले में सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल कैद की सजा सुनाई है। हालांकि कोर्ट ने तुरंत ही उन्हें 15 हजार रुपए के मुचलके की जमानत दे दी और कोर्ट ने सजा को 30 दिन के लिए सस्पेंड भी कर दिया है, ताकि वह ऊपरी अदालत में इसके खिलाफ अर्जी दे सकें। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 13 अप्रेल 2019 को कर्नाटक के कोलार में आयोजित चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरनेम के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक बातें कही थी, जिसके कारण मोदी समाज की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था।
राहुल ने कोलार में आयोजित रैली के दौरान कहा था कि ललित मोदी, नीरव मोदी और नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? इसके बाद राहुल ने कहा, सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल के इस बयान को ना सिर्फ प्रधानंत्री बल्कि उनके पूरे समाज का अपमान बताया गया था। अपने समाज के खिलाफ यह आपत्तिजनक बात कहें जाने पर राहुल के खिलाफ पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने चार साल पहले गुजरात की सूरत कोर्ट में केस फाइल किया था।
चार साल चला कोर्ट में केस
पिछले चार सालों से चल रहे इस मामले में आखिरकार गुरुवार को कोर्ट ने राहुल को आईपीसी की धारा 500 के तहत दोषी करार दे दिया। 17 मार्च को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस दौरान हुई कोर्ट की कार्यवाही में राहुल भी मौजूद थे। कोर्ट ने चार साल बाद इस मामले में राहुल को दोषी घोषित कर दिया है। दोषी करार करने के 27 मिनट बाद कोर्ट ने राहुल को 2 साल की सजा सुनाई, जिसके तुरंत बाद उन्हें जमानत दे दी गई। कोर्ट की कार्यवाही के दौरान राहुल ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि बयान देते वक्त मेरी मंशा गलत नहीं थी।