
राजस्थान में बढ़ी स्वास्थ्य को लेकर चिंता
जयपुर.
राज्य में अब स्वाइन फ्लू के केस बढऩे लगे है। ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढऩे लगी है। मानसून आने वाला है और ऐसी हालत में केसों की संख्या और बढ़ सकती है। इसको लेकर रणनीति बनाए जाने की जरूरत है।
राज्य मेें गत 24 दिनों में 56 स्वाइन फ्लू के मरीज आए है। बीते दो सालो में कोरोना संक्रमण के दौरान स्वाइन फ्लू का असर कम देखा गया। अब फिर से जांच के दौरान एचवन एनवन वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़ी है।
इस साल स्वाइन फ्लू से कुल 6 लोगों की मौत हो चुकी हैं। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों का मानना है कि इलाज लेने में देरी करने और लक्षणों को हल्के में लेने पर इन लोगों की मौत हुई है। प्रदेश में अब तक 105 संक्रमित मिल चुके है। जिसमें जयपुर में सबसे ज्यादा 74 पॉजिटिव सामने आए है। अब तक प्रदेश के अस्पतालों में कुल 638 लोगों की लैब में स्वाइन फ्लू की जांच की गई है। जिसमें से 533 सैंपल नेगेटिव रहे।
देश में भी ंडीगढ़ गोवा, गुजरात, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, मेघालय, यूपी आदि में स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। इसके लक्षणों में यह है कि अगर बुखार के साथ नाक बह रही है और डॉक्टर से सलाह ले। दवा लेने के बाद भी बुखार नहीं उतरे और लक्षण बने रहे तो स्वाइन फ्लू की जांच करवानी चाहिए। राजस्थान में जयपुर के एसएमएस अस्पताल सहित 8 सरकारी अस्पतालों में और 4 निजी लैबों में इस बीमारी के टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है। बुखार के साथ लगातार सर्दी लगना, गले में खराश, थकान, उल्टी आदि इस वायरस के लक्षण है। हालांकि कोरोना के लक्षण भी कुछ इसी तरह के होते है। जिससे मरीज कोरोना और स्वाइन फ्लू को लेकर कन्फ्यूजन में रहते है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेकर कोरोना और स्वाइन फ्लू की जांच करानी चाहिए।