राज्य आपदा घोषित किया जाए लंपी बीमारी : चौधरी

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प्रदेश में लम्पी स्किन वायरस की मार से ग्रस्त गौवंष का हो समुचित उपचार : सांसद भागीरथ चौधारी

प्रदेश सरकार राज्य आपदा घोषित कर गौवंश पालकों को दे आर्थिक राहत

सांसद चौधरी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, पशु पालन मंत्री एवं मुख्य सचिव को लिखा पत्र एवं रखी मांग

अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने प्रदेश में लम्पी स्किन वायरस की मार से ग्रस्त गौवंश के समुचित उपचार, टीकाकरण एवं दवाईयों की उपलब्धता के साथ-साथ प्रदेश सरकार इसे राज्य आपदा घोषित कर गौवंश पालकों को आर्थिक राहत दिलाने हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया एवं मुख्य सचिव उषा शर्मा को पत्र लिखा है। 
सांसद चौधरी ने पत्र के माध्यम से प्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित कर लिखा कि वर्तमान में देश के कई प्रदेशों के साथ-साथ राजस्थान में लम्पी स्किन वायरस की मार से गौवंश पर कहर सा ढह रहा है। इस जानलेवा वायरस के चलते लाखों की संख्या में गौवंश अकाल मृत्यु को प्राप्त हो गये हैं, जिससे राज्य के पशु पालक, ग्रामीणजन एवं किसान वर्ग को भारी नुकसान हुआ है। उक्त वायरस से ग्रसित बीमार गौवंष कोे समुचित एवं यथा संभव उपचार नही मिल पा रहा है। हालांकि प्रदेश में गत दिनों से विभिन्न स्वयंसेवी संस्था एवं संगठनों द्वारा सरकारी तंत्र की मदद से ग्रसित गौवंश के समुचित उपचार में यथा संभव सहयोग किया जा रहा है, लेकिन सरकारी तंत्र के द्वारा समुचित टीकाकरण, जीवन रक्षक दवाईयों की व्यवस्था नहीं हो पाने से आज प्रदेश का गौवंश लाचार एवं असहाय हो रहा है। वर्तमान में इस लम्पी स्किन वायरस ग्रसित रोग से राज्य सरकार एवं पशुपालन विभाग दोनों की घोर लापरवाही आज दिख रही है, जबकि बाड़मेर जिले में उक्त रोग के प्रकोप की जब शुरूआत हुई थी, उस समय ही सरकारी तंत्र एवं विभाग सचेत होकर टीकाकरण एवं दवाईयों की व्यवस्था जो आज एक अभियान के रूप में प्रारंभ की है, को तत्समय ही कर दिया होता तो प्रदेश में यह भयावह स्थिति देखने को नहीं मिलती एवं इतने बड़े पैमाने पर गौवंश को नुकसान नहीं उठाना पड़ता। यह हास्यास्पद स्थिति है कि आज जब लम्पी स्किन वायरस जनित रोग पूरे पीक लेविल पर फैल चुका है, तब प्रदेश की सरकार ने आधे-अधुरे प्रयास शुरू किये, जबकि यह रोग भी मानव में फैले कोरोना रोग की तरह ही एक प्रकार का पशुधन का संक्रमित रोग है। आज भी प्रदेश में मृत पशुओं को दफनाने/अन्तिम क्रिया के लिए प्रशासन के द्वारा ठोस नीति का निर्माण नहीं किया गया है, न ही मूलभूत जीवन रक्षक दवाईयाॅ की पर्याप्त आपूर्ति पशु चिकित्सालयों को हो रही है। 
इसके अतिरिक्त पशुधन में होने लम्पी स्किन वायरस वाले रोग के साथ-साथ अन्य रोगों जैसे बाह्य परजीवी, बुखार एवं सूजन, लम्पी की गांठों में घाव होने पर उपचार, इन घावों में कीड़ों के उपचार के लिए स्प्रे, दवाईयों का किट कई जिलों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसके साथ-साथ पशु चिकित्सालयों में समुचित स्टाफ की पर्याप्तता नहीं होना भी लम्पी वायरस रोग की रोकथाम में बाधक है। राज्य सरकार के साढ़े 3 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात भी पशुपालन विभाग के मुखिया अर्थात निदेशक का पद भी गत पौने 3 वर्ष से रिक्त चल रहा है, जिससे उक्त विभाग के पशु कल्याण के महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय यथा समय नहीं हो पाने से आज लम्पी स्किन वायरस जनित रोग की स्थिति हमारे प्रदेश में इतनी भयावह हो गयी है, जोकि सोचनीय एवं विचारणीय है। 
अतः आप अविलम्ब प्रदेश में लम्पी स्किन वायरस की मार से ग्रस्त गायों के समुचित उपचार की व्यवस्था को मूर्तरूप देते हुए इसे राज्य आपदा घोषित करावें ताकि प्रदेश के पीडित आपदाग्रस्त गौवंश के जीवन को बचाया जा सके एवं इसके साथ-साथ लम्पी स्किन वायरस से ग्रस्त गौवंश के पालकों, गौशालाओं, ग्रामीणों को आर्थिक सहायता की ठोस योजना बनाकर आर्थिक सम्बल भी प्रदान करावें। सांसद चौधरी ने प्रदेश के सभी जन प्रतिनिधियों से आग्रह कर अधिक से अधिक लम्पी वायरस से ग्रसित गौवंश की समुचित चिकित्सा एवं उपचार में यथा सम्भव मदद करने एवं दिलाने का आह्वान भी किया और सरकार से मांग की है कि लम्पी से ग्रसित गौवंश की हुई मौत का वास्तविक आंकड़े भी आमजन को अवगत करावें।

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