शिक्षकों की समस्याओं का हो समाधान

Spread the love

राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने विधायक टांक को सौंपा ज्ञापन


मदनगंज-किशनगढ़.
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने विधायक सुरेश टांक को शिक्षकों की ज्वलंत समस्याओं के निराकरण हेतु ज्ञापन सौंपा। शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने शिक्षकों की न्यायोचित समस्याओं के निराकरण हेतु विधायक सुरेश टांक को ज्ञापन देकर राजस्थान सरकार के समक्ष समुचित प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ करने हेतु विधायिका के माध्यम से अपनी सशक्त एवं प्रभावी आवाज प्रदान करने का निवेदन किया।
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय उपशाखा किशनगढ़ के अध्यक्ष सुभाष चन्द शर्मा ने बताया की संगठन के प्रदेश नेतृत्व के द्वारा शिक्षकों की ज्वलंत समस्याओं के निराकरण हेतु क्रमबद्ध आंदोलन का आह्वान किया है जिसमें दिनांक 1 सितंबर से 8 सितंबर 2021 तक जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देना, द्वितीय चरण में 13 सितंबर 2021 को उप शाखाओं द्वारा उपखंड अधिकारी महोदय के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन देना, तृतीय चरण में 22 सितंबर 2021 को जिला शाखा द्वारा जिला कलेक्टर महोदय के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।
इसी क्रम में संगठन की उपशाखा किशनगढ़ द्वारा विधायक सुरेश टांक को शिक्षकों की ज्वलन्त समस्याओं के निराकरण हेतु ज्ञापन दिया गया। उपशाखा मंत्री चेतन प्रकाश व्यास ने बताया की संगठन के मांग पत्र में 2004 के पश्चात नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन स्कीम लागू करना, वेतन विसंगतियों के संबंध में पूर्व में गठित सामंत कमेटी की रिपोर्ट तत्काल सार्वजनिक करना, 2007 से 2009-10 के शिक्षकों की वेतन विसंगतियां तत्काल दूर करना।
शिक्षकों को बीएलओ के कार्य से तत्काल मुक्ति दिलवाने के साथ अन्य समस्त गैर शैक्षिक कार्यो से शिक्षकों को मुक्त किया जाए, समुचित संसाधन की उचित व्यवस्था होने तक ऑनलाइन उपस्थिति से वेतन आहरण की अनिवार्यता स्थगित की जावे, दिनांक 27.7 .2021 को सरकार द्वारा नवीन सेवा नियमों को लेकर जारी की गई अधिसूचना में शिक्षा व शिक्षक विरोधी प्रावधानों को संगठन द्वारा दिए गए अभी मत के अनुसार तत्काल संशोधित किया जावे, वर्तमान में शिक्षकों को 6 डी के द्वारा प्राथमिक विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय में भेजा जा रहा है इस प्रक्रिया में संबंधित अध्यापकों से विकल्प मांगे जाने चाहिए एवं इच्छुक अध्यापकों को शिक्षा विभाग में भेजा जाना चाहिए।
27.7.2021 की अधिसूचना में भाग 5 के बिंदु संख्या 32(2) के अनुसार वरिष्ठ अध्यापक पद पर परिवीक्षा काल के दौरान ही उनसे प्राध्यापक अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रधानाध्यापक माध्यमिक विद्यालय के पद पर पदोन्नति हेतु विकल्प लिए जाने हेतु प्रावधान किया गया जो अपरिवर्तनीय होगा। यह दमनकारी अव्यवहारिक प्रावधान है जिसका संगठन विरोध करता है। पदोन्नति से पूर्व ही विकल्प पत्र मांगे जानी चाहिए। अधिसूचना की अनुसूची 1 में प्राध्यापक पद की पदोन्नति के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर योग्यता में विषय की समानता की अनिवार्य की गई है यह प्रावधान सीधी भर्ती के लिए निर्धारित योग्यता से भिन्न है संगठन का मत है प्रधानाध्यापकों के समस्त पदों पर पदोन्नति के लिए योग्यता सीधी भर्ती के उल्लेखित योग्यता के समान होनी चाहिए। शिक्षिक हित विरोधी यह स्थिति तुरंत संशोधित की जानी चाहिए। अधिसूचना में अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक पद पर विभिन्न विषयों की पदोन्नति के प्रावधान किए गए हैं जो लगभग वर्तमान व्यवस्था के अनुसार है। इसमें सामाजिक विज्ञान विषय के अध्यापक बहुत ज्यादा पिछड़ गए हैं। अध्यापकों की विषमता को दूर करने के लिए प्रयास किए जाने आवश्यक है। इस हेतु संगठन मांग करता है कि प्रत्येक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय में 11 हेड टीचर का पद सृजित कर उस विषय पर सामाजिक विज्ञान विषय के शिक्षकों को पदोन्नत किया जाए।
स्टाफिंग पैटर्न के मापदंडों में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान के मानदंड अनुसार पदों का निर्णय किया जाए स्टाफिंग पैटर्न के मानदंडों में विद्यालय के नामांकन एवं विषय का आधार माना जाएं, राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय को मान्यता प्रदान की जाए, सभी वर्ग के शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति तिथि से एसीपी का लाभ दिया जाए व ग्रामीण क्षेत्र में कार्य शिक्षकों को ग्रामीण भत्ता दिया जाए, नवनियुक्त शिक्षकों का परिवीक्षा काल संपूर्ण सेवा अवधि में केवल एक बार हो व परिवीक्षा काल अवधि 2 वर्ष से घटाकर 1 वर्ष की जाए तथा परिवीक्षा काल में स्थिर वेतन के स्थान पर नियमित वेतन दिया जाए, आर पी एम एफ की कटौती तत्काल बंद की जाए, शारीरिक शिक्षक पुस्तकालय अध्यक्ष प्रयोगशाला सहायकों की हर वर्ष नियमित डीपीसी तत्काल की जाए, पी डी मद के शिक्षकों का वेतन बजट एक मुश्त आवंटित किया जाए और उनका भुगतान पी ई ई ओ के माध्यम से सीधे कोष कार्यालय द्वारा किया जाए।
प्रत्येक ब्लॉक में 10 संस्कृत विद्यालय खोली जाए तथा एक आदर्श वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय की स्थापना की जाए। संस्कृत विद्यालय में सभी पदों पर विभागीय पदोन्नति समिति द्वारा प्रतिवर्ष पदोन्नति समुचित की जावे तथा माध्यमिक प्रधानाध्यापक प्रवेशिका एवं प्रधानाचार्य वरिष्ठ उपाध्याय की पदोन्नति में निर्धारित योग्यता में 48 प्रतिशत की बाध्यता समाप्त की जावे, प्रत्येक जिले में एक वेद विद्यालय की स्थापना की जाए। ज्ञापन में संगठन प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षा का 26 सूत्री व संस्कृत शिक्षा का 25 सूत्री मांग पत्र दिया।
ज्ञापन देने वालों में उपशाखा अध्यक्ष सुभाष चंद शर्मा, उपशाखा मंत्री चेतन प्रकाश व्यास, राधेश्याम शर्मा, कोषाध्यक्ष शिवरतन कुमावत, मैना शर्मा, संजय धीया और चेतन प्रकाश जिन्दागल उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version