नागरीदास की 323वीं जयंती पर लगी एकल कला प्रदर्शनी

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मदनगंज किशनगढ़, 30 दिसंबर। किशनगढ़ के महाराजा व किशनगढ़ चित्र शैली के प्रवर्तक सावंत सिंह (संत श्री नागरीदास) की 323वीं जयन्ती पर प्रख्यात चित्रकार बिरदीचन्द मालाकार ने अपने चित्रों की एकल कला प्रदर्शनी आयोजित कर कलात्मक श्रद्धांजलि दी।
प्रदर्शनी का उद्घाटन किशनगढ़ विधायक सुरेश टांक, नगर परिषद किशनगढ़ के नेता प्रतिपक्ष प्रदीप अग्रवाल एवं सीनियर वेटरनरी आफिसर डॉ. देवेंद्र सिंह राठौड़ ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

कलादीर्घा बनने की जगी आस
इस अवसर पर विधायक टाक ने कहा कि कला के क्षेत्र में विश्व में पहचान रखने वाले किशनगढ़ में कलादीर्घा नहीं होने की पीड़ा मुझे भी है। इसलिए यदि नगर परिषद भूमि उपलब्ध करा दे तो मैं स्वयं विधायक कोष से कलादीर्घा बनवाने का वादा करता हूं। विशिष्ट अतिथि प्रदीप अग्रवाल ने नगर परिषद किशनगढ़ के द्वारा चित्रकारों की संस्था को कला दीर्घा के लिए भूमि दिलवाने के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए कलाकारों को भी प्रयास करना चाहिए। उन्होंने बिरदीचन्द मालाकार के चित्रों की प्रशंसा करते हुए संत नागरीदास की जयंती पर अपनी कला प्रदर्शनी के द्वारा श्रद्धांजलि देने के लिए बधाई दी।

कलाकृतियों ने मोहा मन
इस प्रदर्शनी में कलाकार, पत्रकार व लेखक बिरदीचन्द मालाकार के कलात्मक जीवन की झांकी बढ़ते कदम, संवरती कला में उनके द्वारा सृजित कलाकृतियों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें उनके छात्र जीवन से वर्तमान तक की कलाकृतियों को शामिल किया गया। मुख्य रूप से स्टिल लाइफ, पोट्र्रेट, लैण्डस्केप, एब्सट्रेक्ट व माडर्न आर्ट की झलक है। इसके अलावा किशनगढ़ का किला, मोखमविलास सहित अन्य के चित्रों को दर्शकों ने खूब सराहा। प्रदर्शनी में किशोर कलाकार रोहित मालाकार के फड़ चित्रों की भी भूरि भूरि प्रशंसा की गई। इस कला प्रदर्शनी का उद्देश्य किशनगढ़ में विलुप्त होती कला के संवर्धन व कला विद्यार्थियों एवं युवा कलाकारों को कला के प्रति पुन: जागरूक करना है। किशनगढ़ में किसी भी कलाकार की यह प्रथम एकल कला प्रदर्शनी है।
इससे पूर्व मालाकार के चित्रों की प्रदर्शनियां अजमेर, पुष्कर, जयपुर, जौधपुर, जैसलमेर, झुंझुनू सहित गुजरात के भावनगर, पंजाब के चण्डीगढ़, हरियाणा के कुरूक्षेत्र, उत्तर प्रदेश के बबराला, पाण्डिचेरी सहित अन्य स्थानों पर की लग चुकी हैं। मालाकार उच्च माध्यमिक स्तर व कालेज में कला के शिक्षक के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।

एक जनवरी को भी खुली रहेगी प्रदर्शनी

इस अवसर पर प्रख्यात कलाकार पवन कुमावत, रविंद्र दोसाया, ओम पायक, श्रीमती गीता जडिय़ा, प्रकाश कुमार दायमा, मनोज गहलोत, गोपाल गिरि गोस्वामी, चिंटू बना, हनुमंत सिंह राठौड़, गोपीचंद गुर्जर, मूलचंद गहलोत, गणेश लाल शर्मा, मेवाराम गुर्जर, पुष्पकांत मिश्रा, विक्रम सिंह तंवर, कैलाश इंदौरा, छीतरसिंह सांखला सहित अन्य लोग मौजूद थे। यह कला प्रदर्शनी 1 जनवरी 2022 को सुबह 11 से शाम 6 बजे तक दर्शकों के अवलोकन के लिए खुली रहेगी।

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