अलवर। सवाईमाधोपुर जिल के रणथंभौर अभयारण्य से रविवार रात करीब 12.30 बजे सरिस्का लाए गए बाघ हो एन्क्लोजर में शिफ्ट किया गया । इसके साथ ही अब सरिस्का अभयारण्य में बाघों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है । सरिस्का को करीब 4 साल बाद एक और बाघ मिला है । रणथंभौर से लाए गए बाघ को सरिस्का में एसटी 29 नाम दिया जाएगा। इस बाघ को तालवृक्ष रेंज के पानी का ढाल वन क्षेत्र में बनाए गए एन्क्लोजर में शिफ्ट किया गया है।
बाघिन कृष्णा का बेटा है यह बाघ
इस बाघ की उम्र करीब 5 साल है। यह सवाईमाधोपुर के रणथंभौर अभयारण्य की बाघिन टी 19 कृष्णा का बेटा है और एक बार पिता भी बन चुका है। इस बाघ की शिफ्टिंग के बाद सरिस्का बाघ अभ्यारण में अब बाघों का कुनबा बढ़कर 25 हो गया है, जिसमें 8 नर बाघ, 13 बाघिन और चार शावक शामिल हैं।
दिवाली से पहले छोड़ा जाएगा जंगल में
यह बाघ सड़क मार्ग से रात 11 बजे सरिस्का पहुंचा और यहां पर आने के बाद इसका मेडिकल किया गया, जो पूरी तरह होश में था तो रात 12:15 बजे उसे एन्क्लोजर में छोड़ा गयात्र यहां उल्लेखनीय है कि बाघ विहीन हो चुके सरिस्का में वर्ष 2008 में बाघों का पुनर्वास किया गया था। तब से अब तक 5 बार में सरिस्का में 10 बाघ भेजे गए। एन्क्लोजर में बाघ के लिए सभी संसाधन जुटाए गए हैं, जिसमें शिकार के लिए जानवर को रखा गया है। पानी की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा इस बाघ की पूरी तरह मॉनिटरिंग की जा रही है। इसे दिवाली से एक दो दिन पहले जंगल में छोड़ा जा सकता है।