संस्कृत के विद्यार्थी समकित बने डिजीटल खिलाड़ी

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कॉमन सर्विस सेंटर का किया सफल संचालन
केंद्र एवं राज्य स्तर पर हुए सम्मानित


मदनगंज-किशनगढ़.
किशनगढ़ के संस्कृत विद्यार्थी रहते हुए समकित इस डिजीटल दुनिया में आए और सफलता प्राप्त की। इसके लिए वह केंद्र और राज्य स्तर पर भी पुरस्कृत हो चुकेे है। 17 वर्ष की आयु में कार्य शुरू किया और अब 23 वर्ष की आयु में डिजीटल खिलाड़ी बन चुके है।
जब दुनिया विलाप करती है और समस्याओं पर शोक मनाती है लेकिन परिवर्तनकर्ता परिवर्तन के लिए अपने विश्वास में दृढ़ रहते समकित जैन एक ऐसे ही परिवर्तनकर्ता हैं। समकित जैन ने बताया कि 1 जुलाई 2015 का दिन जब भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल इण्डिया अभियान का शुभारम्भ किया उसी दिन मेरा दुनिया के सबसे बड़े प्लेटफार्म कॉमन सर्विस सेण्टर से जुडऩा हुआ। उस समय मैं शास्त्री द्वितीय वर्ष का एग्जाम दे चुका था। घर में कोई कंप्यूटर, स्मार्ट डिवाइस नहीं था जीवन में अभी तक कोई कंप्यूटर की शिक्षा नहीं हुई थी पर जूनून था और मंत्र था श्लोकार्धेन प्रवक्ष्यामि यदुक्तं ग्रन्थकोटिभि:। परोपकार: पुण्याय पापाय परपीडनम्॥ मन तो था कि सिविल सेवा में जाकर देश की सेवा करूँ पर मैंने सोचा नहीं था कि डिजिटल सेवा का कार्य उससे भी अधिक गौरवान्वित करने वाला होगा।
परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ नहीं होने एवं जीवन में कोई व्यावसायिक वातावरण नहीं होने से 17 वर्ष की उम्र में कार्य आरम्भ करना कुछ विचलित करने जैसा होता है पर पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं तत: सुखम् मन्त्र को लक्ष्य में रखकर पायलट की भांति कंप्यूटर पर बैठकर पब्लिक डीलिंग करना कुछ कठिन सा था पर जनता ही मेरी गुरु बनी और आज जो कुछ भी नया कार्य सीख पा रहा हूँ उसका सारा श्रेय किशनगढ़ के नागरिकों को है। 28 अगस्त 2016 का अविस्मरणीय क्षण जब मुझे मेरा आधार-मेरी पहचान से जुडऩे का मौका मिला हमने किशनगढ़ की 105 आंगनबाड़ी में पैदल चल कर के 90 दिन में 5000 से अधिक जन्म से 5 वर्ष तक के बच्चों के बाल आधार नामांकन का कार्य नि:शुल्क पूर्ण किया। उसी समय 8 नवम्बर 2016 को विमुद्रीकरण का आगाज हुआ और डिजिधन का आगाज हुआ तब 2500 नागरिकों एवं 100 दुकानदारों को स्थानीय प्रशासन, नगर निगम आयुक्त, उपखंड अधिकारी, तहसीलदार इत्यादि के साथ 7 ग्राम पंचायत में डिजिटल लेन देन सिखाने का मौका प्राप्त हुआ। इसके लिए तत्कालीन केन्द्रीय खेल मंत्री विजय गोयल के द्वारा पुरस्कृत किया गया। जब किशनगढ़ के वार्डो में बहुतायत बच्चों के बाल आधार नामांकन पूर्ण हुए तब अब आधार में क्या नवाचार किया जा सकता है तब पहला नवजात शिशु आधार सेवा केंद्र 22 अप्रैल 2017 को बच्चे के जन्म होते ही आधार नामांकन का कार्य राजकीय यज्ञनारायण चिकित्सालय किशनगढ़ में आरम्भ किया जहाँ 6 माह में 3000 से अधिक नवजात शिशुओं के बाल आधार का कार्य पूर्ण किया।

केंद्र और राज्य से मिला सम्मान

इसी बीच 11 जुलाई 2017 का ऐतिहासिक दिन जब देश के तत्कालीन सुचना प्रौद्योगिकी एवं कानून न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा आधार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया। साथ ही आधार सेवा सीएससी के माध्यम से बुक के फुल कवर पेज पर स्थान मिला। उसी समय 22 दिनों में 1008 बाल आधार का कार्य पूर्ण किया है। राज्य सरकार को नवीन नवाचारों एवं सुझावों के लिए मार्च 2019 में राजस्थान की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा राजस्थान डीजी हेकॉथान में पुरस्कृत किया गया। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर 3 बार स्कॉच आर्डर ऑफ मेरिट से भी नवाजा जा चुका है।

बैंकिग कार्य भी किया

अक्टूबर 2018 में भारतीय स्टेट बैंक का बैंक मित्र बनकर वित्तीय सेवा उपलब्ध करवाना मेरे जीवन में अविस्मरणीय कार्य है। 1150 प्रधानमंत्री जनधन योजना के खाते हम खोल चुके है। कोरोना महामारी के मध्य पूरे समय हमारा केंद्र नि:शुल्क देश के सभी बैंकों की नगद निकासी का कार्य सुचारू रूप से कर रहा था। कोरोना की प्रथम लहर में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 3000 से 5000 महिलाओं को नगद निकासी स्थानीय प्रशासन के सहयोग से कर पाएं। एचडीएफसी बैंक के माध्यम से भी आम नागरिकों को सस्ता एवं सुन्दर लोन दिलाने में मदद कर पा रहे है। 500 महिलाओं को गु्रप लोन बिना किसी फाइल चार्ज के करवा चुके है।

संस्कृत विद्यार्थियों को दिया प्रशिक्षण

कोविड महामारी के मद्देनजर संस्कृत के शास्त्री विद्यार्थियों को तकनीक का प्रशिक्षण उपलब्ध हो इस हेतु डिजिटल शास्त्री प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया गया। जिसके तहत 60 से अधिक छात्र विविध कोर्स कर रहे है और 12 छात्र राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान का कंप्यूटर कांसेप्ट कोर्स की सफलता पूर्वक उपाधि अर्जित कर चुके है। महिलाओ के नारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए स्त्री स्वाभिमान अभियान का आगाज मसूदा उपखंड के बिजयनगर में लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी के द्वारा आरम्भ किया।

परिश्रम से बनेंगे धनी

मैं सभी युवाओं से कहना चाहूँगा कि उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथै:। न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगा:॥ अर्थात परिश्रम से कार्य सिद्ध होते है सोते हुए सिंह के मुंह में हिरण प्रवेश नहीं करते है। इस मन्त्र को जीवन में साकार करने का प्रयत्न कीजिये यकीन मानिए आप भी मेरे से श्रेष्ठ उद्यमी बन सकते है। पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं तत: सुखम् अयोग्य व्यक्ति से धन दूर होता हए योग्य व्यक्ति के पीछे लक्ष्मी आगे होकर आती है।
समय तेजी से बदल रहा है हमारे लिए जरूरी है कि हम भी समय के साथ अपने आप को सुधार ले व लगातार देश की प्रगति में योगदान दे। यह तभी साबित हो पाएगा जब हम में और आप में सीखने की ललक व देश को सर्वोत्तम बनाने का जुनून हो।

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