Chief minister अशोक गहलोत और Central minister गजेंद्र सिंह है इस मामले में आमने-सामने
जयपुर। संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी में अपने गाढ़े पसीने की कमाई लोगों ने इस उम्मीद में लगाई थी कि इससे भविष्य में उन्हें आर्थिक परेशानियों से राहत में मदद मिलेगी। उन्हें उम्मीद थी कि यह निवेश उनके लिए भविष्य में संजीवनी साबित होगा, लेकिन उनकी सारी उम्मीदों पर उस समय पानी फिर गया, जब निवेशकों को पता चला कि वे ठगी के शिकार हो गए हैं। निवेशकों को सुनहरे सब्जबाग दिखा देश के कई राज्यों में लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाली संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी पर अब सियासी वार छिड़ गई है। दूसरी तरफ पीड़ित अपने गाढ़े पसीने की कमाई वापस मिलने की उम्मीद लिए न्याय के लिए वर्ष 2019 से दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन उनकी उम्मीदों को जमीं मिल पा रही है न उनके परिवार के सपनों को आसमां। वहीं अब इस मामले में प्रदेश की राजनीति के दो दिग्गज आमने-सामने हो गए हैं। इस सियासी लड़ाई का परिणाम क्या होगा, यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है, लेकिन इस सोसाइटी की ठगी का शिकार हुए लोगों को एक बार फिर राहत की आस जगी है। वहीं आरोप-प्रत्यारोप के बीच दोनों नेताओं में इस बार जोरदार ठन गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को आड़े हाथों लेते हुए उन्हंे ही इस ठगी का सूत्रधार ठहरा दिया है। गहलोत ने आरोप लगाया है कि संजीवनी क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसाइटी के कर्ता-धर्ता केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके परिवार के लोग ही थे। गहलोत ने यहां तक कहा कि उनकी दिवंगत मां भी इस घोटाले में संलिप्त थी।
बयानों से शुरू हुआ बवाल
दोनों नेताओं ने के बीच हाल ही विवाद उस दौरान शुरू हुआ जब 20 फरवरी को अशोक गहलोत जोधपुर के दौरे पर गए थे। यहां न्याय की उम्मीद लिए कुछ पीड़ितों ने उनसे मुलाकात की थी। उस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने जोधपुर में केंद्रीय मंत्री को घोटाले में अभियुक्त करार देते हुए कहा कि मंत्री ने राजस्थान पुलिस से बचने के लिए जेड़ सिक्योरिटी ली है। वहीं शेखावत के राजनीतिक हत्या करने और खुद को बेकसूर बताने के बयान पर फिर गहलोत ने पलटवार किया है। गहलोत ने कहा कि शेखावत संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड घोटाला मामले में जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं जबकि स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने जांच में अन्य गिरफ्तार किए जा चुके अभियुक्तों के समान धाराओं में ही उनके ऊपर जुर्म प्रमाणित किया है। गहलोत ने कहा कि शेखावत खुद इस बात को जानते हैं कि 1 लाख से अधिक पीड़ितों की जिंदगी भर की जमा पूंजी के करीब 953 करोड़ रुपए से अधिक की राशि को संजीवनी सोसाइटी ने लूटा है और इस मामले में प्रोपर्टी अटैच करने के अधिकार एसओजी के पास ना होकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास हैं। ईडी आरोपियों की संपत्ति अटैच करे तो ही उन संपत्तियों को बेचकर पीड़ितों को भुगतान किया जा सकता है।
पांच बार ईडी को लिख चुकी है एसओजी
सीएम गहलोत ने कहा कि एसओजी ने जांच के दौरान पिछले 2 सालों में ईडी को 5 बार संजीवनी सोसाइटी से जुड़ी प्रोपर्टी अटैच करने के लिए लिखा है, लेकिन देश भर में विपक्षी नेताओं के घर छापे मारने वाली ईडी ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है और अभी तक संजीवनी घोटाले के आरोपियों की प्रोपर्टी अटैच नहीं की गई है। गहलोत ने बताया कि सेंट्रल रजिस्ट्रार ने इस मामले में एक लिक्विडेटर नियुक्त किया है, जिसके बाद पीड़ितों का पैसा तब लौटा दिया जाएगा, जब संजीवनी सोसाइटी की प्रोपर्टी अटैच होकर वहां से पैसे की रिकवरी की जाएगी।
सोशल मीडिया के जरिए परवान चढ़ा संग्राम
संजीवनी संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी मामले में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में सोशल मीडिया पर एक के बाद एक पांच पोस्ट कर अप्रत्यक्ष रूप से शेखावत पर निशाना साधा। गहलोत ने पोस्ट में संजीवनी सोसाइटी में अपनी जमा पूंजी लगाकर सब गंवा चुके पीड़ितों के वीडियो भी साझा किए। गहलोत ने लिखा कि संजीवनी घोटाले के धनलोलुपों ने बुजुर्ग, महिला व दिव्यांग किसी को भी नहीं बख्शा। इस विपदा को हम समझते हैं। सरकार नीति अनुरूप घोटाले में संलिप्त लोगों को सजा दिलाएगी। उन्होंने लिखा कि नफा और राहत के नाम पर लोगों की मजबूरियों का फायदा उठाकर संजीवनी में खेला गया जालसाजी का खेल परत-दर-परत सामने आ रहा है। लोगों के गम को मरहम लगाने के लिए सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी।
शेखावत ने दिल्ली में करवाया मानहानि का केस दर्ज
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली की एक अदालत में एक आपराधिक शिकायत दायर करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर संजीवनी घोटाले पर टिप्पणी करके उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि गहलोत ने संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले में भाजपा नेता की भूमिका होने का आरोप लगाकर उन्हें बदनाम किया। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि गहलोत मानहानिकारक टिप्पणी कर रहे हैं, शेखावत की छवि धूमिल करने और उनके राजनीतिक करियर को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
सियासी बयानों के बीच केंद्रीय जलशक्ति मंत्री शेखावत ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में दर्ज मानहानि केस में बयान भी दर्ज करवा दिए हैं। इसके बाद शेखावत ने कोर्ट के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा कि मूल चार्जशीट या एसओजी की ओर से पेश दो सप्लीमेंट्री चार्जशीट्स में से किसी में भी मुझे दोषी नहीं माना गया है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक रूप से मीडिया के सामने बात करते हुए मुझे अभियुक्त करार दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने न सिर्फ मुझे, बल्कि मेरे परिवारजनों को भी अभियुक्त कहा। 21 फरवरी को सारी हदें पार करते हुए मुख्यमंत्री ने मुझे, मेरी पत्नी, मेरे पिता और मेरी दिवंगत माता, सबके खिलाफ जुर्म प्रमाणित हो गया है, ऐसा वक्तव्य दिया। इन सभी विषयों को मैंने न्यायालय के समक्ष अपने बयान दर्ज कराते हुए रखा है। शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार को उस कानून के अनुरूप मल्टीस्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के प्रकरणों की जांच तुरंत सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए, ताकि सक्षम न्यायालय उनकी संपत्तियों को अटैच करने के बाद उनको बेचकर लोगों के पैसे का भुगतान कर सके।
पीड़ितों की मदद क्यों नहीं कर रहे शेखावत
वहीं सीएम गहलोत ने जयपुर में संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय जलशक्ति मंत्री शेखावत का कदम घोटाले को राष्ट्रीय स्तर पर मुद्दा बनाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसका (मानहानि मामला) स्वागत करूंगा। इससे मामले में तेजी आएगी और उन पीड़ितों को मदद मिलेगी, जिन्होंने घोटाले में पैसा गंवाया है।’’ गहलोत ने कहा कि एक केंद्रीय मंत्री होने के नाते, उन्हें पीड़ितों को बुलाना चाहिए था और उन्हें न्याय दिलाने में उनकी मदद करनी चाहिए थी। राजस्थान सरकार मामले की जांच में सहयोग करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस घोटाले पर ध्यान देना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने मामले की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पत्र लिखा है, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि संपत्ति को कुर्क करने का अधिकार ईडी के पास है और राज्य पुलिस का विशेष अभियान समूह आरोपी की संपत्ति जब्त नहीं कर सकता।
घोटाले से जुड़े हर शख्स को जेल
सीएम गहलोत लगातार इस मामले को लेकर हमले बोल रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर सोशल मीडिया के जरिए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत पर हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि संजीवनी घोटाले के बेईमानी के पूरे तानाबाने को पीड़ितों की आपबीती बता रही है। सरकार संजीवनी घोटाले में शामिल हर शख्स को कारावास पहुंचाएगी। लोगों ने घर के पैसे भी संजीवनी में लगा दिए। अब पीड़ितों को रात दिन धमकी दी जाती है। ये व्यथा हर उस एजेंट की है, जिसने संजीवनी के जिम्मेदारों पर विश्वास किया और अपने व्यवहार के भरोसे अन्य लोगों से भी निवेश कराया। आज न सिर्फ उनका आत्मसम्मान चोटिल है बल्कि वे भयभीत भी हैं। प्रदेश सरकार आपके निर्भय और सम्मानित जीवन के लिए हर संभव प्रयास करेगी। जमा पूंजी का इस तरह लुट जाना किसी के परिवार के लिए भी वज्रपात जैसा होता है। हम आपके आंसू व दर्द को समझ सकते हैं।
गहलोत ने लिखा कि मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि न्याय की इस लड़ाई में प्रदेश सरकार पीड़ितों के साथ हर कदम रहेगी।
पीड़ितों ने भी लगाए थे शेखावत पर आरोप
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 20 फरवरी को जोधपुर के दौरो पर थे। इस दौरान उनसे सर्किट हाउस में संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी से जुड़े पीड़ितों ने मुलाकात की। इन लोगों ने सीएम गहलोत से मुलाकात और अपनी पीड़ा सुनाते हुए मदद मांगी। इस दौरान पीड़ितों ने आरोप लगाया कि इस मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल हैं। संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा ठगी के शिकार हुए पीड़ित के संगठन संजीवनी पीड़ित संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जोधपुर के सर्किट हाउस में अपनी व्यथा सुनाई। पीड़ितों ने कहा कि मामला दर्ज होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। एसओजी भी कार्रवाई नहीं कर रही है। कई पीड़ित बुजुर्गों और महिलाओं ने भावुक होते हुए मुख्यमंत्री को बताया कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोसाइटी के मैनेजिंग डायरेक्टर विक्रम सिंह के साथ संजीवनी सोसाइटी में अपने पैसे निवेश करने के लिए भरोसे में लिया था। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस मामले में लिप्त हैं। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
पहले शेखावत व उनकी पत्नी भी जुड़े थे साेसाइटी से
हाल ही इस मामले में एसओजी ने जोधपुर में चार्टर्ड अकाउंटेंट जेठमल डाकलिया, भाई गौतम चंद और उनके बेटे दिनेश डाकलिया को हिरासत में लिया है। जेठमल डाकलिया का संजीव क्रेडिट कॉरपोरेशन से सीधा जुड़ाव बताया जा रहा है। इसके अलावा वे एक केंद्रीय मंत्री के भी निकटस्थ हैं। जेठमल डाकलिया संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। इसी क्रेडिट कोऑपरेटिव से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनकी पत्नी जुड़े हुए थे, हालांकि लोकसभा का पहला चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी से अपना नाता खत्म कर दिया था। लेकिन जब से यह घोटाला उजागर हुआ है। उसके बाद से शेखावत का नाम जोड़ा जा रहा है।