‘सम्पर्क’ ने साकार किए नवोदित लेखकों के सपने

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जूम वेबिनार का आयोजन
जयपुर, 8 जनवरी।
सामाजिक सरोकारों में अग्रणी सम्पर्क संस्थान की साहित्यिक यात्रा के सफलता के चार साल पूर्ण होने व पांचवे वर्ष में प्रवेश पर जूम वेबिनार का आयोजन वरिष्ठ साहित्यकार प्रबोध गोविल के मुख्य आतिथ्य में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी प्रचार संस्थान के अध्यक्ष डॉ.अखिल शुक्ला ने की।

देश-विदेश में फहराया परचम
संस्थान अध्यक्ष अनिल लढ़ा ने संपर्क संस्थान के 21 वर्ष पूर्ण होने व साहित्य संस्थान के सफलता पूर्वक पांचवें वर्ष में प्रवेश पर गर्व महसूस करते हुए खुशी जताई कि आज संस्थान देश विदेश में अपनी विशिष्ट पहचान बना कर अपना परचम फहरा रहा है। उन्होंने समन्वयक रेनू शब्दमुखर व उनकी टीम की भूरी-भूरी प्रशंशा करते हुए कहा कि जुनून, जोश, जज्बे और निष्ठा के कारण ही आज संपर्क साहित्य संस्थान देशभर में अपने साहित्यिक कार्यों से पहचान बनाने में सफल हुआ है।
प्रदेश समन्वयक रेनू शब्दमुखर ने अपने वक्तव्य में संपर्क संस्थान को तहे दिल से धन्यवाद दिया और कहा कि वे आजीवन संपर्क संस्थान में निष्ठा के साथ अपने सामाजिक और साहित्यिक कार्य को अंजाम देंगी। इस ज़ूम मीटिंग में ख्यातनाम साहित्यकारों ने संपर्क की कार्यशैली को अदभुत बताते हुए प्रतिस्पर्धा के इस युग में नवोदित प्रतिभागियों को शानदार मंच देने को बहुत बड़ी बात बताया। कार्यक्रम में 35 रचनाकारों ने सम्पर्क संस्थान की यात्रा को लेकर कविता के माध्यम से काव्य पाठ किया। संस्थान की अनेक लेखिकाओं ने कहा कि संपर्क ने उनके लेखन को पंख दिए व जिस तरह उनके रचनात्मक लेखन को गति दी, उसका उल्लेख शानदार शब्दों में किया।

कम समय में हासिल किया मुकाम

मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार प्रोफे. प्रबोध गोविल ने कहा कि संपर्क साहित्य टीम ने साहित्य के क्षेत्र में जो कम टाइम में आज एक मुकाम हासिल किया है उसका कोई सानी नही है। उन्होंने वर्तमान परिपेक्ष्य में आधुनिक तकनीक में साहित्य को नई दिशा देने पर खुशी जाहिर करते हुए प्रतिभाओं को आगे लाने के प्रयासों को काबिले तारीफ बताया। हिंदी प्रचार प्रसार संस्थान के अध्यक्ष डॉ. अखिल शुक्ला ने संपर्क साहित्यिक संस्थान को पांचवें वर्ष में शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संपर्क संस्थान एक परिवार है, जहां कलम के धनी साहित्य सर्जक देशभर में अपना वर्चस्व स्थापित कर रहे हैं। संस्थान द्वारा साहित्यिक पारिवारिक वातावरण में एक दूसरे की मेधा को प्रखर और लेखनी को सशक्त बना समाज के सामने लाने का सफल प्रयास किया जा रहा है।

शानदार प्रस्तुतियों ने मोहा मन

देहरादून से सवी शर्मा, पुणे से आशा शर्मा, होशियारपुर से डॉ.प्रिया सूफी, अहमदाबाद से शशि मूंदड़ा, हैदराबाद से डॉ.स्वाति गुप्ता, जोधपुर से डॉ. सूरज माहेश्वरी, अजमेर से दीपा गोयल, कोटा से एकता शुक्ला, सवाई माधोपुर से डॉ. आरती भदोरिया, जयपुर से डॉ.अमला बत्रा, डॉ. सुषमा शर्मा, संगीता गुप्ता, डॉ. रेखा गुप्ता, सलोनी क्षितिज रस्तोगी, अर्चना राठौर, शिल्पी पचौरी, जीनस कंवर, डॉ.नीलम कालरा, नेहा पारीक, ज्ञानवती सक्सेना, शशि सक्सेना, डॉ.अंजू सक्सेना, शिखा शर्मा ने अपनी शानदार प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। इनसे पूर्व डॉ. आरती भदौरिया ने सरस्वती वंदना की। कार्यक्रम का सफल मंच संचालन करते हुए विजयलक्ष्मी जांगिड़ ने सम्पर्क के सामाजिक, साहित्यिक व सेवा कार्यों की जानकारी दी। डॉ. रेखा गुप्ता ने आभार व्यक्त किया।

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