वीर सपूत हेमू कालानी की शहादत को किया नमन

Spread the love

किशनगढ़, 21 जनवरी। सिन्धी समाज किशनगढ़ की ओर से शुक्रवार को अमर शहीद हेमू कालानी के 79वें बलिदान दिवस पर भगवान झूलेलाल मन्दिर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर डॉ.किशोर मंगनानी एव गिरधारी अमरवानी ने ज्योत जलाकर उनकी शहादत को नमन किया।
इस अवसर पर भारतीय सिन्धू सभा के अध्यक्ष डॉ. किशोर मगनानी ने कहा कि पूरे सिन्ध प्रान्त में आजादी की ज्योत जलाने का कार्य सिन्धी सपूत हेमू कालानी द्वारा किया गया था। युवा नेता जितेन्द्र कोरानी ने कहा कि हेमू कालानी के बलिदान से प्रेरणा लेकर पूरे जोश के साथ देश और समाज सेवा का कार्य हमें करना चाहिए।

देश में खुशहाली लाएं युवा

इस दौरान सुरेश रामचन्दानी ने कहा कि अमर शहीद हेमू कालानी का देश की आजादी में योगदान युवाओं में जोश भरने के लिए सदैव याद किया जायगा। करन मेघानी ने अपने सम्बोधन में कहा कि गांधी जी द्वारा अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन में पूरे सिन्ध का प्रतिनिधित्व हेमू कालानी द्वारा किया गया। उनका बलिदान सदैव देश याद रखेगा और वे सदेव याद किए जाएंगे। ललित शर्मा ने कहा कि युवाओं को समाज और देश से जुडक़र रहना चाहिए एवं देश की खुशहाली के कार्य करने चाहिए।

आजादी के आंदोलन का युवा सिपाही

सिन्धू नवयुवक संघ सचिव गिरधारी अमरवानी ने बताया कि भारत माता को आजादी दिलाने मे पूरे देश के हर हिस्से का योगदान रहा। सिन्ध प्रांत जो उस समय भारत का अविभाज्य अंग था, वहां पर भी आजादी की ज्योत हेमू कालानी ने जलाई। उनका जन्म 23 मार्च 1923 को हुआ। उनके पिता का नाम पेसुमल कालानी एवं माता का नाम जेठी बाई था। बचपन से ही उन्हें आजादी का जुनून था। 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन में पूरे जोश के साथ हिस्सा लिया। 1942 में ही आन्दोलन के दौरान हथियारों से भरी ट्रेन पलटाने के लिए उन्होंने पटरिया उखाड़ी। उसी दौरान वो पकडे गए और उन्हें 21 जनवरी 1943 को फांसी दे दी गई। उस समय वे 19 वर्ष के थे। कार्यक्रम में राहुल अडवाणी, लक्ष्मण मूलचंदानी, कमल शिवानी सहित काफी लोग मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.