सरपंचों की बढ़ेगी तनख्वाह, ग्राम पंचायत स्तर पर होंगे विकास कार्यों के टेंडर

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जयपुर। पिछले कई महीनों से सरपंचों द्वारा चलाया जा रहा आंदोलन सरकार व सरपंच संघ के बीच हुई वार्ता के बाद स्थगित कर दिया गया।
सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गड़वाल, प्रदेश प्रवक्ता रफीक पठान, जयराम पलसानिया ने बताया कि सरपंच संघ के पदाधिकारियों व राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच कई दौर की वार्ता के बाद मांगों पर सहमति बनी।
महा नरेगा वह अन्य विकास कार्यों के टेंडर पूर्व में जो पंचायत समिति स्तर पर निष्पादित होते थे अब यह ग्राम पंचायत स्तर पर निष्पादित होंगे और इनका अनुमोदन पंचायत समिति के विकास अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
ग्राम पंचायतों में विविध ऑनलाइन कार्यों के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर मय कंप्यूटर प्रदान किया जाएगा।
आबादी भूमि के विक्रय विलेख के लिए हस्तांतरण, नामांतरण, रूपांतरण , बटवारा आदि के लिए प्रक्रिया जारी कर दी गई हैं। पॉवर ऑफ शेड्यूल में संशोधन अब ग्राम पंचायतें 5 लाख के स्थान पर 10 लाख रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी कर सकेगी।
ग्राम पंचायतों को सीमित निविदा (तीन कोटेशन) से पूर्व में प्रदान किए गए 5 लाख का एक काम एवं वर्ष में 50 लाख के काम / सामग्री के स्थान पर 6 लाख व 70 लाख की पत्रावली मुख्यमंत्री व वित्त विभाग से अनुमोदित हो गई। इस संबंध में शीघ्र अधिसूचना जारी होगी।

इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पूर्व में कुछ पंचायत समितियों में तीन कोटेशन से पूरा काम (श्रम सामग्री सहित ) ठेके पर नही देने दिया जा रहा था। अब नरेगा के अतिरिक्त मस्टरोल की आवश्यकता नही होगी और चाहे तो मस्टरोल पर भी करवा सकते है।
·ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप का अध्यक्ष पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के स्थान पर सरपंच ग्राम पंचायत होगा। भविष्य में भी ग्राम पंचायत स्तरीय प्रत्येक समिति का अध्यक्ष निर्वाचित सरपंच ही होगा। इसकी सिद्धांतत सहमति भी हुई है।
वहीं खाद्य सुरक्षा पोर्टल दोबारा खुलवाने के लिए पंचायत राज विभाग द्वारा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को पत्र लिख दिया गया है। पेंशन बढ़ाने के लिए सामाजिक न्याय विभाग के पास फाइल भिजवा दी गई है इसके शीघ्र मंजूर होने का आश्वासन दिया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में कटे हुए नामों को दोबारा जोड़ने के लिए भारत सरकार को पत्र लिख कर नाम जोड़ने की मांग की गई है।
जल जीवन मिशन को चालू करने के लिए जो मांग रखी गई है वह पूरी नहीं हो जाती तब तक इसका अनुमोदन ग्राम सभा में नहीं किया जाएगा।
जनता जल योजना में बजट के लिए जलदाय विभाग को पत्र प्रेषित कर दिया गया है।
प्रशासन गांव के संग शिविर में खर्च की सीमा 50000 से बढ़ाकर एक लाख कर दी गई है। आबादी भूमि के लिए पटवारियों द्वारा सीमांकन किया जाएगा ताकि पट्टे जारी करते समय सावधानी बरती जा सके।
सरपंचों व अन्य जनप्रतिनिधियों के खिलाफ की जाने वाली शिकायतों में अब ₹50 का शपथ पत्र अनिवार्य कर दिया गया है।
ग्राम पंचायतों द्वारा प्रचार प्रसार के लिए लोक कलाकारों वह अखबार और टीवी चैनलों के लिए सजावटी विज्ञापन देने के लिए आदेश जारी करने की अनुशंसा कर दी गई है।
निजी खातेदारी की भूमि पर जो कॉलोनी या ढाणी या बस चुकी है उस पर पक्की सड़क निर्माण के लिए पूर्व की भांति ₹100 के स्टांप पर सहमति लेकर कार्य किया जा सकेगा।
प्रचलित कदमी रास्तों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए राजस्व विभाग को पत्र लिख दिया गया सरपंचों व वार्ड पंचों के साथ-साथ पंचायत राज के जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने के लिए फाइल मुख्यमंत्री के पास भिजवा दी गई है।
समझौता वार्ता में राज्य सरकार की ओर से प्रमुख शासन सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय कुलदीप रांका, विशेषा अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय आरती डोगरा, प्रमुख शासन सचिव पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास अपर्णा अरोड़ा, शासन सचिव ग्रामीण विकास के के पाठक, शासन सचिव पंचायत राज पीसी किशन, नरेगा आयुक्त अभिषेक भगोतिया, एवं अन्य विभागीय अधिकारि सरपंच संघ की ओर से संरक्षक भंवरलाल जानू प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल कार्यकारी अध्यक्ष रोशन अली प्रवक्ता रफीक पठान जयराम पलसानिया मुख्यमहा मंत्री शक्ति सिंह रावत उपाध्यक्ष गोपाल शर्मा, शिवजी राम खुर्डिया, जयपुर जिला अध्यक्ष मेहर सिंह धनकड, नेमी चंद मीणा गंगापुर सिटी, पूर्व महामंत्री दीवान सिंह, हनुमान जाजड़ा, महेंद्र सिंह मझेवाला, अशोक सोलंकी जैतारण अशोक गोलियां पाली यूसुफ खा बाड़मेर, मोइजुद्दीन गुड्डू, कोटा जिला अध्यक्ष शशिकांत शर्मा, हंसराज गुर्जर टोंक, राम प्रसाद बेरवा दोसा सहित अन्य कई जिलों से आए हुए सरपंच व पदाधिकारी शामिल थे।

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