जयपुर। पशुपालन के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाले प्रदेश के 415 पशुपालकों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। बुधवार को दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान सभागार में राज्य स्तरीय पशुपालक सम्मान समारोह आयोजित हुआ। इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सुरेन्द्र अवाना और प्रेम सिंह राव को राज्य स्तर पर सम्मानित कर 50-50 हजार रुपए प्रोत्साहन के रूप में दिए। वहीं जिला स्तर पर सम्मानित होने वाली 7 महिला पशुपालकों सहित 68 पशुपालकों को 25-25 हजार रुपए और पंचायत समिति स्तर पर सम्मानित होने वाली 18 महिला पशुपालकों सहित 345 पशुपालकों को 10-10 हजार प्रोत्साहन स्वरुप दिए गए। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पशुपालन के क्षेत्र में किए गए कार्य से राजस्थान पूरे देश में सर्वाधिक दूध उत्पादन करने वाला राज्य बन गया है। पूरे देश के 15.05 प्रतिशत दूध का उत्पादन राजस्थान में हो रहा है। गहलोत ने कहा कि गुजरात की अमूल डेयरी ने जो काम किया है, सरस को उससे आगे ले जाना है। चारे-पानी के लिए पशुपालकों को परेशानी हो रही है, इसके लिए सहकारिता के मूवमेंट को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पशुपालकों को प्रतिवर्ष सम्मानित कर रही है। इस पहल से पशुपालन के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आया है। राज्य में अधिकतर किसान पशुपालन का कार्य करते हैं और इसमें महिला शक्ति का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। किसानों के लिए अलग से बजट पेश करने वाला राजस्थान पहला राज्य है। अब अन्य राज्य भी इस पहल का अनुसरण कर रहे हैं।
डेयरी संयंत्र और प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण
इस दौरान मुख्यमंत्री ने 12 करोड़ रुपए की लागत से बने टोंक दुग्ध उत्पादक संघ के नए डेयरी संयंत्र मालपुरा का वीसी के माध्यम से लोकार्पण किया। मालपुरा में नवीन संयंत्र शुरू होने से टोंक जिले के लगभग 20 से 25 हजार अतिरिक्त पशुपालकों को लाभ मिलेगा। वहीं गहलोत ने राज्य पशुधन प्रबन्धन प्रशिक्षण संस्थान में आवासीय प्रशिक्षणार्थी आवास भवन का लोकार्पण किया। भवन का निर्माण कृषि विपणन बोर्ड द्वारा 6.11 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। संस्थान द्वारा अब तक 25 हजार प्रशिक्षणार्थियों को पशुधन प्रबंधन एवं प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
दूध पर दिया प्रति लीटर 5 रुपए का अनुदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पशुपालन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। एक हजार 189 ग्राम पंचायतों में नए पशु चिकित्सा उपकेन्द्र तथा 4 नए पशु चिकित्सालय खोले गए हैं। 2639 ग्राम पंचायतों में पशु चिकित्सा उपकेन्द्र खोलने की घोषणा की जा चुकी है। राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों को आर्थिक संबल देने के लिए दूध पर प्रति लीटर 5 रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया की राज्य सरकार की ओर से 2 दुधारू पशुओं का 40-40 हजार रुपए का बीमा किया जाएगा। पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि चार साल में पशुपालन के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित हुए हैं। फसल बीमा योजना के तहत 18.5 हजार करोड़ का फसल बीमा वितरित कर राजस्थान पूरे देश में पहले स्थान पर है। ऊंट संरक्षण के लिए ऊंट पालकों को 5 हजार रुपए की सहायता राशि दी जा रही है। सम्मान समारोह में गोसेवा आयोग अध्यक्ष मेवाराम जैन, शासन सचिव पशुपालन कृष्ण कुणाल, राजस्थान सहकारिता डेयरी फेडरेशन लिमिटेड की प्रबंध निदेशक सुषमा अरोड़ा, निदेशक पशुपालन डॉ. भवानी सिंह राठौड़ सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं पशुपालक मौजूद रहे।