
किसानों सहित अन्य सभी के लिए लाभकारी
मदनगंज-किशनगढ़.
वर्षा जल संचयन या रेन वाटर हार्वेस्टिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हम वर्षा के पानी को जरूरत की चीजों में उपयोग कर सकते हैं। वर्षा के पानी को एक निर्धारित किए हुए स्थान पर जमा करके हम वर्षा जल संचयन कर सकते हैं। इसको करने के लिए कई प्रकार के तरीके है। जिनकी मदद से हम रेन वाटर हार्वेस्टिंग कर सकते हैं। इन तरीकों में जल को मिट्टी तक पहुंचने भूजल से पहले जमा करना जरूरी होता है। इस प्रक्रिया में ना सिर्फ वर्षा जल को संचयन करना साथ ही उसे स्वच्छ बनाना भी शामिल होता है। वर्षा जल संचयन कोई आधुनिक तकनीक नहीं है यह कई वर्षों से उपयोग में लाया जा रहा है।
गंदी अस्वस्थ नालियों में जाने से पहले सतह जल को रोकने के तरीके को सतह जल संग्रह कहा जाता है। ड्रेनेज पाइप के माध्यम से वर्षा जल को कुआं, नदी तक तालाबों में संग्रहण करके रखा जाता है जो बाद में पानी की कमी को दूर करता है।
छत पर गिरने वाले बारिश के पानी को संचय करके रख सकते हैं। ऐसे में ऊंचाई पर खुले टंकियों का उपयोग किया जाता है। जिनमें वर्षा के पानी को संग्रहण करके नलों के माध्यम से घरों तक पहुंचाया जाता है। यह पानी स्वच्छ होता है जो थोड़ा बहुत ब्लीचिंग पाउडर मिलाने के बाद पूर्ण तरीके से उपयोग में लाया जा सकता है।
भूमिगत टैंक भी एक बेहतरीन तरीका है जिसके माध्यम से हम भूमि के अंदर पानी को संरक्षित रख सकते हैं। इस प्रक्रिया में वर्षा जल को एक भूमिगत गड्ढे में भेज दिया जाता है। जिससे भूमिगत जल की मात्रा बढ़ जाती है। साधारण रूप से भूमि के ऊपर ही भाग पर बहने वाला जल सूर्य के ताप से भाप बन जाता है और हम उसे उपयोग में भी नहीं ला पाते है। परंतु इस तरीके में हम ज्यादा से ज्यादा पानी को मिट्टी के अंदर बचा कर रख पाते हैं। यह तरीका बहुत ही मददगार साबित हुआ है। क्योंकि मिट्टी के अंदर का पानी आसानी से नहीं सूखता है और लंबे समय तक पंप के माध्यम से हम उसको उपयोग में ला सकते हैं।
बारिश के पानी को तालाबों और छोटे पानी के स्रोतों में जमा किया जाता है। इस तरीके में जमा किए हुए जल को ज्यादातर कृषि के कार्यों में लगाया जाता है क्योंकि यह जल दूषित होता है।
वर्षा जल को संचय करके इस्तेमाल में लाना जल को सुरक्षित करने का एक बेहतरीन उपाय है। कुछ ऐसे शहर और गांव होते हैं जहां पानी की बहुत ज्यादा कमी होती है और गर्मी के महीने में पानी की बहुत किल्लत होती है। ऐसे में उन क्षेत्रों में पानी को भी लोग बचा सकते हैं। ऐसी जगह में वर्षा के महीने में जल संचयन करना गर्मी के महीने में पानी की कमी को कुछ प्रतिशत तक कम कर सकते है।
वर्षा जल संचयन किसानों के लिए सबसे कारगर साबित हुआ है। क्योंकि वर्षा के पानी को बचाकर आज ज्यादातर किसान गर्मियों के महीने में बहुत ही आसानी से पानी की कमी को दूर कर पाए हैं। ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक पानी को इस्तेमाल करने से स्वच्छ पीने लायक पानी को हम ज्यादा से ज्यादा बचा सकते हैं। वर्षा पानी को शौचालय के लिएए नहाने के लिए और बर्तन धोने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग की मदद से जमा किए हुए पानी को इस्तेमाल करने से पहले अच्छे से फिल्टर किया जाना चाहिए जिससे कि इसमें मौजूद अशुद्धियां पानी से अलग हो जाए। वर्षा के पानी को ऐसे बर्तन या पात्रों में रखना चाहिए जो धूप के संपर्क पर आने पर जहरीले तत्व ना बनाते हों। वर्षा जल संचयन द्वारा जमा किए हुए पीने के पानी को अच्छे से उबालना बहुत जरूरी है ताकि इसमें मौजूद जहरीले तत्व और बैक्टीरिया का सफाया हो जाए।