पुतिन का खास ब्रीफकेस, जो पूरी दुनिया को कर सकता है तबाह

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नई दिल्ली, 20 फरवरी। रूस के पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु बम हैं। अब खबरें आ रही हैं कि रूस एक और जोरदार परमाणु अभ्यास करने जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस अभ्यास के दौरान रूस के परमाणु और परंपरागत हथियारों की विश्वसनीयता को परखा जाएगा। यह अभ्यास ऐसे समय में किया जा रहा जब रूस और चीन के बीच तनाव चरम पर है। यह अभ्यास कितना खास है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुद इस दौरान मौजूद रहेंगे। इस दौरान पुतिन का दुनिया भर में चर्चित परमाणु सूटकेस भी उनके साथ रहेगा। आखिर क्यों खास है पुतिन का यह सूटकेस, जानिए यहां-

रूस के पास हैं सबसे ज्यादा परमाणु हथियार

पूरी दुनिया में रूस के पास सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं, जिनकी संख्या 6257 है। इन परमाणु हथियारों के जरिए रूस पल झपकते ही पूरी दुनिया को तबाह करने की ताकत रखता है। रूस राष्ट्रपति पुतिन इसी सूटकेस परमाणु हथियारों को दागने का आदेश देते हैं। पुतिन का यह सूटकेस टॉप सीक्रेट है, जिसके अंदर की झलक पहली बार वर्ष 2019 में दुनिया ने देखी थी। सूटकेस में लाल और सफेद रंग के बटन हैं, जिनके जरिए पुतिन परमाणु हथियारों पर अपना नियंत्रण रखते हैं।

खास कोड से खुलता है सूटकेस

रूसी मीडिया के अनुसार पुतिन का यह खास सूटकेस एक सीक्रेट कोड से ही खुलता है। अन्य किसी तरीके से ऐसे नहीं खोला जा सकता है। यह सूटकेस हमेशा कड़े सुरक्षा घेरे में रहता है। रूस के परमाणु हथियारों पर इस सूटकेस जरिए ही राष्ट्रपति पुतिन का नियंत्रण रहता है। पुतिन के साथ एक सुरक्षा अधिकारी इस सूटकेस को लेकर चलता है। यह सूटकेस हमेशा पुतिन के साथ रहता है। रूसी भाषा में इस ब्रीफकेस को चेगेट कहा जाता है, जो रूस के एक पहाड़ के नाम पर रखा गया है।

एक नहीं, तीन हैं सूटकेस

यह सूटकेस वर्ष 1980 में तैयार किया गया था। पुतिन के साथ हमेशा एक ही सूटकेस नजर आता है, लेकिन इनकी संख्या 3 है। इन तीनों सूटकेसों को केवल रूस के शीर्ष अधिकारी ही खोल सकते हैं। माना जाता है कि इन अधिकारियों में रूस के राष्ट्रपति, रक्षा मंत्री, चीफ ऑफ द जनरल स्टाफ ऑफ द आम्र्ड फोर्सेस शामिल हैं। विश्लेषकों का कहना है कि इस सूटकेस में लाल और सफेद दोनों रंग के बटन होते हैं, लेकिन हमला सफेद बटन से किया जाता है। माना जाता है कि रूसी परमाणु सूटकेस ने साल 1983 में काम करना शुरू किया था। रूसी राष्ट्रपति की तरह से ही अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ भी एक ब्रीफकेस चलता है, जिससे परमाणु हमले का आदेश दिया जा सकता है।

रूसी की हाइपरसोनिक मिसाइलें इतनी ताकतवर हैं कि इन्हें अभी तक किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम से रोका नहीं जा सकता है। रूस ने परमाणु ऊर्जा से पानी के अंदर चलने वाला ड्रोन भी बनाया है, जो परमाणु हमला करने में सक्षम है।

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