
जयपुर। पुलिस अधिकारी और कांस्टेबल के अश्लील वीडियो मामले में आरोपी हीरालाल सैनी को 17 सितम्बर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। आरोपी पुलिस अधिकारी हीरालाल सैनी को एसओजी ने पॉक्सो कोर्ट का अवकाश होने पर जज रेखा शर्मा के निवास पर पेश किया, जज ने हीरा लाल सैनी को 17 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिए।
इससे पहले पुलिस अधिकारी और कांस्टेबल के अश्लील वीडियो मामले में आरोपी अधिकारी सैनी का अजमेर के जे एल एन अस्पताल में मेडिकल करवाया गया।
इससे पहले राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) ने राजस्थान पुलिस सेवा (आरपीएस) के अधिकारी हीरालाल सैनी को नैतिक कदाचार के मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। यह अधिकारी हाल में सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की वजह से चर्चा में था, जिसमें वह स्विमिंग पूल में एक महिला कांस्टेबल के साथ आपत्तिजनक अवस्था दिख रहा है।
एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक अशोक राठौड़ ने बताया कि अजमेर में ब्यावर के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) रहे हीरालाल सैनी को गुरुवार रात उदयपुर के एक रिजॉर्ट से हिरासत में लिया गया था। उन्हें शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने कहा कि अधिकारी के खिलाफ पॉक्सो कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। क्या यह मामला सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा के तहत भी आता है, इसकी पड़ताल की जा रही है। इस कथित वीडियो में सैनी व महिला कांस्टेबल एक स्वीमिंग पूल में यौन गतिविधियों में संलिप्त दिखते हैं। महिला कांस्टेबल का छह साल का बेटा भी उस समय उसी पूल में खेल रहा होता है।
महिला ने वर्ष 2008 में ज्वाइन कि पुलिस कांस्टेबल की नौकरी
खबरों के मुताबिक सैनी का दावा है कि वीडियो को छेड़छाड़ कर बनाया गया है। इस बारे में महिला कांस्टेबल के पति ने छितावा पुलिस थाने, नागौर में शिकायत दर्ज करवाई है। इसके अनुसार उनकी शादी 2001 में हुई और 2008 में महिला की पुलिस कांस्टेबल के रूप में नौकरी लग गई। उनका छह साल का एक बेटा भी है। शिकायत के अनुसार 13 जुलाई को उसने पाया कि उसकी पत्नी ने अपने व्हाटसऐप स्टेटस में एक वीडियो लगाया है, जिसमें वह अधिकारी सैनी के साथ एक स्वीमिंग पूल में आपत्तिजनक अवस्था में है। उस समय उनका बेटा भी उसी पूल में था। उसने महिला व अधिकारी के व्यवहार को बच्चों के खिलाफ अपराध बताते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी।
अगस्त में दर्ज कराई गई शिकायत
यह शिकायत अगस्त में दर्ज हुई, लेकिन संबंधित थानाधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं करते हुए इसे लंबित रखा इसको लेकर तीनों सैनी, महिला कांस्टेबल व शिकायत दर्ज नहीं करने वाले थानाधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है।