जयपुर के 9 निजी स्कूलों पर शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, अभिभावकों ने की थी शिकायत

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जयपुर, 22 फरवरी। बकाया फीस सहित विभिन्न मामलों को लेकर अभिभावाकों को परेशान किए जाने पर शिक्षा विभाग ने 9 निजी स्कूलों पर कार्रवाई की है।
बकाया फीस के कारण विद्यार्थियों को ऑनलाइन कक्षाओं से वंचित करने, बिना अभिभावकों की सहमति के परीक्षाओं का सिर्फ ऑफलाइन विकल्प देते हुए सम्मिलित होने का दबाव डालने वह बकाया फीस के कारण परीक्षाओं से वंचित कर दिए जाने के मामलों में अभिभावक एकता संघ राजस्थान के प्रदेश संयोजक मनीष विजयवर्गीय द्वारा मुख्यमंत्री के सचिव को शिकायत की गई थी। इस पर बड़ी कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग द्वारा जयपुर की 9 बड़ी स्कूलों को पाबंद किए जाने का शासकीय आदेश संयुक्त निदेशक शिक्षा घनश्याम जाट ने जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) माध्यमिक को जारी किया हैं।

परीक्षाओं में भी ऑनलाइन विकल्प दिए जाने की मांग

जयपुर अजमेर एवं कोटा के अनेक निजी स्कूलों के अभिभावकों की शिकायतों एवं मांगों के संबंध में अभिभावक एकता संघ के संयोजक मनीष विजयवर्गीय ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री सचिव लक्ष्मण सिंह को 11 सूत्री मांग पत्र देते हुए कार्रवाई का निवेदन किया था। साथ ही संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा घनश्याम दत्त जाट एवं शिक्षा अधिकारी माध्यमिक से मुलाकात कर जयपुर के सैंट एंसेल्म स्कूल निवारू रोड, सेंट जोसेफ, आईआईएस, एमजीडी, सुबोध, विद्याश्रम, सीडलिंग, सोफिया एवं माहेश्वरी स्कूलों द्वारा बकाया फीस के कारण विद्यार्थियों को ऑनलाइन व ऑफलाइन कक्षाओं से वंचित किए जाने व सिर्फ ऑफलाइन परीक्षाओं का ही विकल्प दिए जाने की शिकायत करते हुए मांग की थी कि परीक्षाओं में भी ऑनलाइन का विकल्प दिया जाए।

मनीष विजयवर्गीय ने कहा कि सरकार द्वारा जारी आदेशों से सरकार की मंशा स्पष्ट थी कि जो अभिभावक अपने बच्चो को ऑफलाइन पढाई के लिए स्कूल नहीं भेजना चाहते, उन्हें स्कूल द्वारा किसी भी सूरत में बाधित नहीं किया जा सकेगा, लेकिन मुख्यमंत्री तथा गृह व शिक्षा विभाग के लिखित आदेशों के बावजूत प्रदेश भर के कई बड़े नामचीन निजी शिक्षण संसथानो ने अभिभावकों को सहमति पत्र का प्रारूप भेजा है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि बच्चे के स्वास्थ्य के संबंध में स्कूल की कोई भी किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी नहीं होगी। ये स्कूल लाखों अभिभावकों के साथ मासूम विद्यार्थियों पर ऑफलाइन कक्षाओं एवं परीक्षाओं के लिए ऑफलाइन आने का मानसिक दबाव डाल रहे हैं।

जयपुर व अजमेर के करीब 300 से अधिक अभिभावकों ने आंदोलन की हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवाते हुए जानकारी दी। पेरेंट्स ने इन स्कूलों के मेसेज भी भेजे है। पेरेंट्स का कहना है कि अगर स्कूल बच्चो को जबरन ऑफलाइन पढाई के लिए बुलाना चाहते हैं तो बच्चों के स्वास्थ्य की समस्त जिम्मेदारी स्कूल अपने ऊपर ले तथा अभिभावकों को इसके लिए स्कूल लिखित में स्वीकृति भी दे।

शिक्षा अधिकारियों एवं सरकार की ढुलमुल नीति

जयपुर के सेंट जोसेफ स्कूल सांगानेर ने जब बकाया फीस के कारण बच्चों को आज परीक्षाओं से रोक दिया तो सैकड़ों की संख्या में अभिभावक स्कूल पहुंचे और वहां से लाइव वीडियो बना वायरल किया, जिसमें अनेक नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपना दर्द बयां किया। अजमेर के सैंट एंसेल्म स्कूल के अभिभावकों ने निजी स्कूलों की मनमानी की सूचना जिला प्रशासन को भी दे दी है, विजयवर्गीय ने कहा कि हमने अनेक स्कूलों की शिकायतें अब तक दी हैं, जिन पर विभाग ने कमेटी भी गठित की है। परंतु आज तक भी किसी स्कूल के खिलाफ न्यायालय की अवमानना किए जाने पर शिक्षा विभाग ने कठोर निर्णय नहीं लिया है। इसी कारण इन स्कूलों के हौसले बुलंद हैं। विजयवर्गीय ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री के नाम मुख्यमंत्री के सचिव लक्ष्मण सिंह को पत्र दे दिया है यदि अभी इन पर लगाम नहीं लगाई जाती व मनमानी से बाज़ नहीं आते तो जल्द ही जयपुर व अजमेर में धरना दिया जायेगा।

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