ओवीएल ने विदेश में खोजा तेल भंडार

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भारत को होगी आपूर्ति


जयपुर.
भारत की सरकारी कंपनी ओवीएल ने विदेश में तेल भंडार की खोज की है। इससे भारत को आपूर्ति की जाएगी। इससे देश में पेट्रोलियम की बढ़ती हुई आवश्यकताओं को पूरा करने में थोड़ी सहायता मिलेगी।
राष्ट्रीय तेल कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लि. (ओएनजीसी) के पूर्ण स्वामित्व वाली आनुषंगिक कंपनी और विदेशी इकाई ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) ने हाल में कोलम्बिया के सीपीओ-5 ब्लॉक लियानोस बेसिन में ड्रिल किए गए कुएं यूरेका-9 में तेल की खोज की है। वेलए यूरेका-9 की खुदाई 20 अप्रैल 2022 को की गई थी और कुल 10956 फुट की लक्षित गहराई तक ड्रिलिंग की गई जिसमें 10201-10218 फुट की गहराई पर 17 फुट मोटी तेल युक्त रेत का पता चला। इलेक्ट्रिक सबमर्सिबिल पम्प (ईएसपी) से शुरुआती जांच के दौरान लगभग 40-50 प्रतिशत डब्ल्यूसी और 16 डिग्री एपीआई के तेल के साथ लगभग 600 बीबीएल दिन की दर से तरल पदार्थ का प्रवाह मिला। लोअर मिराडोर में तेल की खोज से ब्लॉक के उत्तरी हिस्से में आगे की खोज के लिए नए क्षेत्र खुल गए हैं।
ओएनजीसी विदेश इससे पहले मारीपोसा और इंडिको क्षेत्र में ब्लॉक में क्रमश: 2017 और 2018 में लोअर सैंड पे में व्यावसायिक तेल की खोज कर चुका है जहां फिलहाल प्रति दिन 20000 बीबीएल व्यावसायिक उत्पादन हो रहा है।
ओएनजीसी विदेश लिमिटेड को वर्ष 2008 में कोलम्बिया के एक बोली के चरण में ब्लॉक सीपीओ-5 आवंटित किया गया था। ओएनजीसी विदेश के पास ऑपरेटरशिप के साथ ब्लॉक में 70 प्रतिशत भागीदारी हित (पीआई) है बाकी 30 प्रतिशत हिस्सेदारी साझीदार जिओपार्क के पास है। ओएनजीसी विदेश की कोलम्बिया के तेल एवं गैस क्षेत्र में अच्छी पहुंच है। इसमें देश के तीन अन्य खोज संबंधी ब्लॉक और तेल उत्पादक कंपनी मानसरोवर एनर्जी कोलम्बिया लिण् (एमईसीएल) में संयुक्त हिस्सेदारी शामिल है। यूरेका-1एक्स के साथ ब्लॉक में एक नए तेल की खोज से ओएनजीसी की विदेश में तकनीकी और परिचालन दक्षता का पता चलता है और कोलम्बिया में व्यापक खोज तथा ड्रिलिंग अभियान से इस दिशा में एक और उपलब्धि जुड़ गई है।

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