
मदनगंज किशनगढ़. आयुर्वेद शास्त्रों मे शरद ऋतु के बाद हेमन्त ऋतु में किन-किन द्रव्यों का सेवन करना व किन-किन का सेवन नहीं करने के बारे के बारे में बताया गया है जिससे स्वस्थ आदमी
स्वस्थ बना रहें।
हेमन्त में क्या करें क्या न करें
इस ऋतु में सामान्यत: गुनगुने पानी से स्नान करना चाहिए।
स्नान करनें से पहले तैल की सारे शरीर पर (अभ्यग) मालिश, उबटन व सिर में तैल लगाना
चाहिए
इस समय भूमिगत घर (अण्डरग्राउण्ड) में या वातानुकुलित उष्ण घरों में निवास करना चाहिए।
इस समय फ़र्श पर बैठनें के लिए आसन, दर, गलीचा आदि का प्रयोग करना चाहिए
सर्दी से बचाव हेतु गर्म कपडे स्वेटर कम्बल व रेशमी वस्त्रों का प्रयोग करना चाहिए।
अनावश्यक शीतल हवा में बिना बचाव किए दुपहिया वाहनों पर भ्रमण नहीं करना चाहिए।
हेमन्त ऋतु में क्या खायें क्या न खाए
इस समय शरीर में अग्नि की प्रबलता होती है। अत: मुश्किल से पचनें योग्य आहार का सेवन
भी किया जा सकता है जिस प्रकार कि नये चावल का भात, शाली चावल गुड़, गजक, उड़द के
लड्डु भैसा का दूध,दही,मलाई, कलाकन्द, मावे की मिठाई, मेवे काजू बादाम छुआरे, पिस्ता, मूंगफली से बनें पदार्थ चिकनाई से बनी चिजें मांसाहारी लोग मांस आदि से बनें हुए विविध
व्यन्जन आदि का सेवन कर सकते है।
आयुर्वेदिक औषधियों मे चिकित्सक की सलाह उपरांत आसव-अवलेह ( च्यवनप्राश,
अश्वगन्धावलेह, द्राक्षावलेह आदि) पाक- (कौंच-पाक, सालम-पाक, मुदग- पाक, अश्वगधा-पाक,गौद-पाक,गाजर-पाक आदि-आदि) का सेवन करना चाहिए। मौसम के अनुसार प्राप्त सभी सब्जियों व सूप व गर्म रबड़ी आदि का सेवन करना चाहिए।
किन्तु इस समय वात-वर्धक आहार ( भुंगड़े, सत्तु आदि-आदि ) अन्न पान, तेज शीतल हवा का सेवन नहीं करना व अत्यधिक शीतल वस्तुओं का (आईस्क्रीम शीतल जल ज्यूस कोल्ड ड्रिंक आदि ) का सेवन नहीं करना चाहिए।
वैद्य गोविन्द नारायण शर्मा
वरिष्ठ चिकित्साधिकारी
आयुर्वेद विभाग – राजस्थान सरकार।
मोबाइल नंबर 9414766870