सौ रुपए किलो बिकता है आर्गेनिक गुड़

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देश में बढ़ रहा है जैविक खेती की ओर रूझान


जयपुर.
देश के कई हिस्सों में जैविक खेती की ओर किसानों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गन्ना भी प्राकृतिक तरीके से उगाया जा रहा है। इस जैविक गन्ने से तैयार गुड़ देश भर में लोकप्रिय है। आलम यह है कि बाजार में भी इनकी मांग बढ़ गई है और कीमत भी। बुलंदशहर के प्रगतिशील किसान संजीव कुमार तो अपना गुड़ 100 रुपए प्रति किलो तक बेच रहे हैं। उनके बनाए गुड़ ही मांग दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।
पिछले वर्ष जैविक तरीके से खेती करने पर बुलंदशहर के स्याना के प्रगतिशील किसान भारत भूषण त्यागी को केंद्र सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया था। अब उनके पास प्राकृतिक खेती के तरीके सीखने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इनमें युवा किसानों की संख्या अधिक है। भारत भूषण बताते हैं कि प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों का रुझान बढ़ रहा है और वे परंपरागत तरीके से खेती छोडकऱ हानिरहित तरीकों से खेती कर रहे हैं।
ऐसे ही प्रगतिशील किसान बुलंदशहर के संजीव कुमार है जो दस साल से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। संजीव बताते हैं कि दस साल से साढ़े तीन एकड़ क्षेत्रफल में सुभाष पालेचर नेचुरल फर्मिंग कर रहे हैं। इसमें वे गाय के गोमूत्र से जीव अमृत बनाकर खेत में उपयोग कर रहे हैं। इस तरीके से वे गन्ने पैदा करते हैं। सहफसली प्रणाली के तहत गन्ने के साथ हल्दी, दलहन की भी खेती की जा रही है।
संजीव बताते हैं कि जैविक तरीके से उगाए गन्ने से वह खुद ही गुड़, शक्कर और राब तैयार कर रहे हैं। चना कोटिड गुड़ उनका लोकप्रिय उत्पाद है। इसमें चने को भूनकर गुड़ बनाया जाता है। इसमें विशेष तरीके का प्रयोग किया जाता है। लोहे की कढ़ाई पर विशेष लेप किया जाता है। इसमें 118 डिग्री सेंटीग्रेट पर गुड़ बनता है।
किसान संजीव द्वारा तैयार किया गया गुड़ बाजार से दोगुने दाम में बिकता है। इसे दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, नोएडा, चंडीगढ़, जयपुर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में बिक्री के लिए भेजा जाता है। इसकी मांग को वह पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
किसान संजीव ने अपने खेतों में पोषण वाटिका भी बनाई हुई है। इस वाटिका में सभी फलों के पौधे लगाए हुए हैं। मनुष्य को पोषण देने वाले सभी फल उनकी वाटिका में आसानी से प्राप्त हो जाते हैं। किसानों की सहायता के लिए चौपाल भी लगाई जाती है। किसानों को जैविक खेती के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार किसानों को लगातार जैविक खेती के लिए प्रेरित कर रही है। यूपी में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे खेती की लागत तो कम होगी ही साथ ही पैदावार में भी बढ़ोतरी होगी। 2 साल में सरकार द्वारा 02 लाख 25 हजार 691 किसानों को जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा जैविक खेती का प्रदर्शन कराया जा रहा है। प्रदेश सरकार जैविक खाद की खरीद पर किसानों को अनुदान दे रही है। केंद्र सरकार की परंपरागत कृषि विकास योजना, नमामि गंगे योजना के तहत क्लस्टर बनाकर जैविक खेती कराई जा रही है। इस योजना में पश्चिम यूपी के मेरठ, हापुड़, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, संभल, कानपुर आदि में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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