नहीं करनी चाहिए शिवलिंग की पूरी परिक्रमा

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जयपुर, 27 दिसंबर। हिन्दू धर्म में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। शिवलिंग की पूजा के लिए इस पर जल चढ़ाया जाता है व बिल्व पत्र, भांग-धतूरा अर्पित किए जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर चंदन का लेप करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। किसी भी पूजा का पूर्ण फल तब मिलता है, जब पूजा के दौरान परिक्रमा की जाती है। परिक्रमा करने के भी कुछ नियम तय हैं, उनके अनुसार ही परिक्रमा करने पर फल मिलता है। भगवान की परिक्रमा घड़ी के चलने की दिशा में यानि दाएं से बाई ओर की जाती है, लेकिन भगवान शिव की परिक्रमा अन्य परिक्रमाओं से अलग होती हैं। यहां आचार्य हनुमान सहाय शर्मा साईवाड़ वाले आपको बता रहे हैं भगवान शिव की परिक्रमा के बारे में-

शिवलिंग की परिक्रमा के दौरान कुछ विशेष बातों का सदैव ध्यान रखना चाहिए। शिवलिंग की परिक्रमा कभी पूरी नहीं की जाती है अर्थात इसकी जलहरी को लांघना शास्त्रों के खिलाफ बताया गया है। शंकर भगवान की परिक्रमा में सोमसूत्र को लांघने से दोष लगता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान को चढ़ाया गया जल जिस ओर से गिरता है, वहीं सोमसूत्र का स्थान होता है।

पुराणों में है शिवलिंग की आधी परिक्रमा का विधान

शिव पुराण समेत कई शास्त्रों में शिवलिंग की आधी परिक्रमा करने का ही विधान है। शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग को शिव और शक्ति दोनों की सम्मिलित ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। शिवलिंग की तासीर को गर्म माना जाता है। इसी कारण शिवलिंग पर लगातार जल चढ़ाया जाता है। इस जल को अत्यंत पवित्र माना जाता है और ये जल जिस मार्ग से निकलता है, उसे निर्मली या जलधारी कहा जाता है।
शिवलिंग की परिक्रमा हमेशा बाईं तरफ से की जाती है। बाईं ओर से शुरू करके जलहरी तक जाकर वापस लौट कर दूसरी ओर से परिक्रमा करें। इसके साथ विपरीत दिशा में लौट दूसरे सिरे तक आकर परिक्रमा पूरी करें। इसे शिवलिंग की आधी परिक्रमा भी कहा जाता है।

हो सकती हैंं शारीरिक परेशानियां

शिवलिंग की जलहरी को कभी नहीं लांघना चाहिए। इससे पाप लगता है। शिवलिंग की जलहरी को ऊर्जा और शक्ति का संगम माना गया है। शिवलिंग की जलहरी माता पार्वती का स्वरूप मानी जाती है, इसलिए इसे लांघना नहीं चाहिए। परिक्रमा के दौरान इसे लांघा जाए तो मनुष्य को शारीरिक परेशानियों के साथ शारीरिक ऊर्जा की हानि का भी सामना करना पड़ सकता है। इससे देवदत्त और धनंजय वायु के प्रवाह में रुकावट पैदा हो जाती है, जिससे शरीर और मन पर बुरा असर पड़ता है।

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