
विद्युत श्रमिक महासंघ का धरना 37 वें दिन भी जारी
कोटा वृत्त के कार्यकर्ता बैठे क्रमिक धरने पर
जयपुर.
पांच अक्टूबर से विद्युत भवन जयपुर पर राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ द्वारा अनिश्चितकालीन धरना पिछले 36 दिन से जारी है।
धरने के क्रम में आज 37 वें दिन जयपुर विद्युत वितरण श्रमिक संघ कोटा वृत के सदस्य देवेन्द्र खारोल के नेतृत्व में पवन राठौर, हरीश, सुमन, प्रमोद नागर, अर्जुन मालव धरने पर बैठे। इस दौरान जयपुर अखिल भारतीय विद्युत श्रमिक महासंघ उपमंत्री मधुसूदन जोशी, जयपुर विद्युत वितरण श्रमिक संघ के अध्यक्ष गोविंद पालीवाल, मंत्री वेदपाल सोलंकी, जयपुर विद्युत प्रसारण श्रमिक संघ के महामंत्री हरगोविंद शर्मा उपस्थित रहे।
राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ के प्रदेश महामंत्री विजय सिंह बाघेला ने बताया कि प्रमुख मांगे इस प्रकार है-विद्युत के क्षेत्र में विभिन्न माध्यम दौसा, करौली, जालौर, चुरू, नागौर व झुंझुनूं कल्स्टर, सीएललआरसी, एमबीसी, एफआरटी आदि पर रोक लगाई जाए तथा स्थायी प्रकृति कार्य पर ठेका प्रथा खत्म की जाए। पांचों विद्युत निगमों का विलय कर वापस से एक विद्युत मंडल/ निगम बनाया जाए। आईटीआई तकनीकी कर्मचारियों को 3,12,21 व 30 वर्ष पर देय फिक्स टर्म योजना का नकद लाभ नियुक्ति तिथि अनुसार सलक्शन गे्रड की तर्ज पर दिया जावे अथवा विकल्प पत्र वापस खोले जावे। अधिमानता के आधार पर नियुक्त उच्च शिक्षाधारी शेष रहे कर्मचारियों को कनिष्ठ लिपिक/सीए-द्वितीय बनाया जाए। आईटीआई तकनीकी कर्मचारियों के नये पदनाम को तर्कसंगत बताते हुए टेक्नीशियन प्रथम, द्वितीय व तृतीय किया जाए। कर्मचारियों को इंटर कंपनी स्थानांतरण की सुविधा प्रदान की जाए। 1 जनवरी 2004 के पश्चात नियुक्त कर्मचारियों पर आरजीएचएस योजना निशुल्क लागू की जावे तथा पूर्व नियुक्त कर्मचारियों व पेंशनर की मेडिकल पुनर्भरण योजना पूर्व की भांति जारी रखी जावे। विद्युत भत्ते में बढ़ोत्तरी कर भत्ता 100 यूनिट प्रतिमाह या कम से कम स्थायी शुल्क के बराबर किया जाए। फीडर इंचार्ज के काल्पनिक पदनाम पर तकनीकी कर्मियों का शोषण बंद करके उनसे करवाये जा रहे एक दूसरे के विरोधाभासी 26 कार्यों को तर्कसंगत बनाया जावे। सभी निगमों में तकनीकी कर्मचारियों की वरीयता सूची निगम स्तर पर बनाई जावे तथा लंबित पदोन्नतिों को वर्षवार किया जावे। इसी तरह अन्य मांगे भी शामिल है।