अब राजस्थान में भी होगा दुर्लभ यूरेनियम का उत्खनन

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मिलेगा हजारों लोगों को रोजगार
बिजली उत्पादन सहित अन्य क्षेत्रों में होगा उपयोग


जयपुर.
राज्य में दुर्लभ खनिज यूरेनियम उत्खनन के लिए एलओआई जारी करने के साथ ही राजस्थान यूरेनियम खनन के क्षेत्र में प्रवेश कर गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने सीकर के पास खण्डेला तहसील के रोहिल में यूरेनियम अयस्क के खनन के लिए यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया को खनन पट्टा की लेटर ऑफ इंटेट (एलओआई) जारी कर दी है। उन्होंने बताया कि देश में झारखण्ड और आंध्र प्रदेश के बाद राजस्थान में यूरेनियम के विपुल भण्डार मिले हैं। यूरेनियम दुनिया के दुर्लभ खनिजों में से एक माना जाता है। परमाणु उर्जा के लिए यूरेनियम बहुमूल्य खनिज है। यूरेनियम खनन क्षेत्र में आगे बढऩे के साथ ही प्रदेश के विश्वपटल पर आने के साथ ही निवेश, राजस्व और रोजगार के नए अवसर खुल गए हैं। इसका उपयोग बिजली उत्पादन और अन्य क्षेत्रों में प्रमुखता से किया जाता है।
खान व गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने यूरेनियम अयस्क के उत्खनन की एलओआई जारी करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि राजस्थान दुनिया के नक्शे पर प्रमुखता से उभर कर सामने आ गया है। उन्होंने यूरेनियम के उत्खनन के निर्णय को प्रदेश की माइनिंग क्षेत्र की बड़ी उपलब्धि बताया है।
एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत माइंस विभाग की समीक्षा बैठकों के दौरान प्रदेश में विपुल खनिज भण्डारों की चर्चा करते हुए खनिज खोज और खनन गतिविधियों को विस्तारित करने पर जोर देते रहे हैं। मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश में प्रदेश में दुर्लभ खनिज यूरेनियम के खोज कार्य को गति दी गई और अब यूरेनियम उत्खनन की एलओआई जारी कर माइंस के क्षेत्र में नया माइलेज प्राप्त कर लिया गया है।
एसीएस अग्रवाल ने बताया कि सीकर जिले की खण्डेला तहसील के रोहिल में 1086.46 हैक्टेयर क्षेत्र में यूरेनियम के विपुल भण्डार मिले हैं। विभाग द्वारा यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया के आवेदन पर खनिज यूरेनियम ओर व एसोसिएटेड मिनरल्स के खनन के लिए एलओआई जारी कर दी है। आरंभिक अनुमानों के अनुसार इस क्षेत्र में करीब 12 मिलियन टन यूरेनियम के भण्डार संभावित है। देश में अभी तक झारखण्ड के सिंहभूमि के जादूगोडा और आंध्र प्रदेश में यूरेनियम का उत्खनन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद राजस्थान मेंं भी खनिज का खनन आरंभ हो जाएगा। यूरेनियम का प्रमुखता से उपयोग बिजली बनाने में किया जाता है। परमाणु उर्जा के अलावा दवा, रक्षा उपकरणों, फोटोग्राफी सहित अन्य में भी यूरेनियम का प्रमुखता से उपयोग होता है। दुनिया में सर्वाधिक यूरेनियम का उत्पादन कजाकिस्तान, कनाडा और आस्ट्रेलिया में होता है। इसके अलावा रुस, नामीबिया, उज्बेकिस्तान, यूएस व यूके्रन में भी यूरेनियम खनिज मिला है।
यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा करीब 3 हजार करोड़ का निवेश किया जाएगा। इसके साथ ही करीब 3 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा वहीं सह उत्पादों के आधार पर क्षेत्र में सह उद्योग की स्थापना की राह भी प्रशस्त होगी। उन्होंने बताया कि अब यूरेनियम कारपोरेशन इंडिया द्वारा परमाणु उर्जा विभाग, परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय हैदराबाद से खनन योजना अनुमोदित कराकर प्रस्तुत की जाएगी। इसी तरह से खान विकास एवं उत्पादन करार एमडीपीए के समय खनिज रिजर्व मूल्य 0.50 प्रतिशत राशि परफॉरमेंस सिक्यूरिटी बैंक गांरटी के रुप में दी जाएगी। इसी तरह से भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन से ईसी लेनी होगी और 69.39 हैक्टेयर चरागाह भूमि की राजस्व विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा।

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