अब भारत में भी सेटेलाइट से होगा विमानों का संचालन

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अमेरिका और जापान के बाद बनेगा तीसरा देश
किशनगढ़ एयरपोर्ट पर हुई विमान की लैंडिंग


जयपुर.
भारत में अब विमानों का संचालन सेटेलाइट सिस्टम (उपग्रहों) से किया जा सकेगा। इसका एक प्रयोग हाल ही में अजमेर जिले के किशनगढ़ एयरपोर्ट पर सफलतापूर्वक किया गया है। इस आधुनिक तकनीक के माध्यम से इंडिगो एयरलाइंस ने अपने विमान का ट्रॉयल किया है। इस तकनीक के बाद भारत पूरी दुनिया में अमेरिका और जापान के बाद तीसरे नंबर का देश बन गया है।
विमानपत्तन निदेशक द्वारा बताया कि किशनगढ़ एयरपोर्ट को बड़ी उपलब्धि प्राप्त हुई है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के नवीनतम तकनीकी गगन बेसड एलपीवी एप्रोच का देश का पहला सफलतापूर्वक ट्रायल एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहली बार किशनगढ़ एयरपोर्ट पर इंडिगो एयरलाइंस की ओर से किया गया। यह तकनीकी लॉकोलाइजर परर्फोमेंस विद वरटिकल गाइडेंस (एसपीवी) गगन पर आधारित है। इसमें खराब मौसम एवं कम विजिविलिटी हालत में भी सटीक ढंग से विमानों का संचालन किया जा सकेगा।
डायरेक्टर बीएस मीणा ने बताया कि यह बहुत बड़ी सफलता है और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ी पहल है। भारत संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान के बाद अपनी एसबीएएस प्रणाली रखने वाला दुनिया का तीसरा देश बन गया है। इससे विमानों को आकाश में ही घूमते रहना नहीं पड़ेगा। नई तकनीक के चलते महंगे ईंधन की बचत होगा और साथ ही समय भी बचेगा। इसके साथ ही अधिक हवाई उड़ानों का संचालन हो सकेगा।
इस आधुनिक तकनीकी टैम्परेचर इंडिपेंडेंट से देश के पहाड़ी क्षेत्रों के दुर्गम एयरपोर्ट पर भी विमान का संचालन संभव होगा। अभी तो सभी फ्लाइटों को को ग्राउंड बेस्ड इक्यूप्मेंट जैसे कि वीओआर, आईएलएस, डीएमई की सहायता से सहायता से संचालित होगा है। लेकिन यह तकनीक पूर्णतया जीपीएस पर आधारित है। भारत में एएआई व इसरो ने मिल कर इस तकनीक को विकसित किया। यह ट्रायल एमओसीए, डीजीसीए, एएआई एवं इंडिगो के सम्मिलित प्रयास से किया गया।
इस आधुनिक तकनीक के माध्यम से ही विमान किसी भी और कहीं भी एयरपोर्ट पर आसानी से लेंडिंग या टेक ऑफ कर सकेंगे। भारतीय विमानपतन प्राधिकरण ने इस नवीनतम एवं आधुनिक तकनीक के माध्यम से एशिया उप महाद्वीप में पहला और सफल ट्रायल 28 अपै्रल को किया और इंडिगो एयरलाइंस के विमान को बतौर ट्रायल के किशनगढ़ एयरपोर्ट पर आसानी से उतारा। इस विमान को वाटर सेल्यूट भी दिया गया।
सफल ट्रायल के दौरान टीम के साथ किशनगढ़ एयरपोर्ट के निदेशक बीएस मीणा, एटीसी प्रभारी अनुराधा सुलानिया, विद्युत विभाग से आरके मीणा, सिविल प्रभारी खेमराज मीणा, संचार प्रभारी डीकेण् मीणा, अग्निशमन प्रभारी पीवी खरोडे, टर्मिनल प्रभारी शशि भूषण शर्मा एवं निधि गोयल उपस्थित रहे।
इस तकनीक के पूरी तरह विकसित होने और लागू होने पर भारत में हवाई यातायात का परिदृश्य पूरी तरह बदल जाएगा। यह नया सिस्टम क्रांतिकारी साबित हो सकता है। इसके साथ ही भारत इस तकनीक को दूसरे देशों को सिखा सकता है या मित्र देशों को दे सकता है। सर्दियों में मौसम खराब रहने और व्यस्त एयरपोर्ट पर यह तकनीक खासी कारगर साबित होगी । इससे भारत को बचत तो होगी ही साथ ही विदेशी मुद्रा कमाने में भी मदद मिलेगी। भविष्य में इस तकनीक को रेलवे और अन्य क्षेत्रों में भी लागू किए जाने की संभावना बन सकती है।

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