समय पालन में सबसे आगे रही उत्तर पश्चिम रेलवे

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माल लदान का भी बनाया रिकार्ड


जयपुर.
उत्तर पश्चिम रेलवे यात्री ट्रेनों के समय पालन में सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर प्रथम स्थान पर रही। साथ ही वित्तीय वर्ष में अब तक रिकार्ड 8.8 मिलियन टन माल रिकार्ड लदान किया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आनन्द प्रकाश के दिषानिर्देश अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे पर रेल संचालन पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया है ताकि यात्री और माल उपभोक्ताओं को अधिकाधिक सुविधा प्रदान की जा सकें।
उत्तर पश्चिम रेलवे के उपहाप्रबंधक (सामान्य) व मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट शशि किरण के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे इस वर्ष जुलाई माह तक 98.8: के समयपालन को प्राप्त कर सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर प्रथम स्थान पर है। वर्तमान में लगभग 85 प्रतिशत ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है एवं रेलवे का प्रयास है कि यात्री भार की समीक्षा के आधार पर सभी रेलसेवाओं को प्रारम्भ किया जाये।
देश के प्रत्येक भाग में आवष्यक सामग्री की निर्बाध आपूर्ति हो इसके लिये रेलवे द्वारा विशेष प्रयास किये जा रहे है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर इस वर्ष जुलाई माह तक 8.8 मिलियन टन माल लदान किया गया, जो कि गत वर्ष की इसी अवधि की 5.01 मिलियन टन से 76 प्रतिशत अधिक है। उल्लेखनीय है कि रेलवे बोर्ड द्वारा उत्तर पश्चिम रेलवे को जुलाई माह तक 8.73 मिलियन टन लदान का लक्ष्य दिया गया था।

सवाईमाधोपुर से पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन जयपुर पहुंची

उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर मंडल के जयपुर-सवाई माधोपुर विद्युतीकृत रेलखंड पर इलेक्ट्रिक इंजन से पहली मालगाड़ी गुरुवार दिनांक 5 अगस्त को चलाई गई। ये मालगाड़ी प्रात: 5.30 बजे सवाई माधोपुर से रवाना होकर सुबह 10.48 बजे जयपुर स्टेशन पहुंची। 131 किलोमीटर की दूरी को 75 किलोमटर प्रति घंटे की अधिकतम गति के साथ तय किया गया। इससे पूर्व विद्युत लोकोमोटिव से मालगाड़ी का ट्रायल रन दिनांक 29-05-21 को शिवदासपुरा पदमपुरा. सवाई माधोपुर रेल खंड पर सफलतापूर्वक किया गया था। आयुक्त रेल संरक्षा द्वारा 30 जुलाई को जयपुर यार्ड का निरीक्षण कर उपयुक्तता प्रमाण पत्र जारी करने के बाद पहली बार 42 डिब्बों की ये मालगाड़ी 1150 टन भार लेकर जयपुर पहुंची। अब जयपुर स्टेशन से सभी ट्रेनों का संचालन इलेक्ट्रिक इंजन से हो सकेगा। इससे डीजल की बचत होगी वह ट्रेनों की गति बढ़ेगी जिससे रेलवे के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। इलेक्ट्रिक इंजन द्वारा ट्रेनों के संचालन से प्रदूषण में कमी आएगी तथा पर्यावरण के लिए भी यह अनुकूल रहेगा। इस रेल खंड पर इलेक्ट्रिक गुड्स ट्रेन का चलना जयपुर के लिए एक ऐतिहासिक पल है।

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