नई दिल्ली। कोरोना से राहत के बीच एक चिंतित कर देने वाली खबर आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फिर से कोरोना को लेकर नया अपडेट दिया है। इसके अनुसार काेरोना का एक नया सब वेरिएंट 39 देशों और 38 अमेरिकी राज्यों में पाया गया है। हालांकि भारत में भारत में इस नए सब वेरिएंट ईजी.5.1 का केवल एक मामला मई 2023 में सामने आया था। डब्ल्यूएचओ ने मई में घोषणा की थी कि कोविड ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं है, लेकिन हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने अपने वीकली अपडेट में कहा है कि दुनिया भर में रिपोर्ट किए गए नए कोविड -19 मामलों की संख्या में पिछले महीने 80% की वृद्धि हुई है। डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी देते हुए कहा है, ‘वायरस फैलता रहेगा और म्यूटेट होता रहेगा. इससे अस्पताल में भर्ती होने और कभी-कभी मौत के आंकड़ों में भी वृद्धि देखने भी मिल सकती है।
खतरनाक वेरिएंट को लेकर जताई चिंता
डब्ल्यूएचओ ने बताया कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के सब वेरिएंट ईजी.5.1 के कारण अमेरिका और ब्रिटेन में मामले बढ़े हैं। जून 2023 के मध्य में इस ईजी.5 के 7.6 प्रतिशत मामले थे, जो जुलाई के मध्य में 17 प्रतिशत से अधिक हो गए थे, यानी कि एक महीने में ही ईजी.5.1 के कुल मामलों में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। डब्ल्यूएचओ ने 19 जुलाई 2023 को ईजी.5.1 पर बारीकी ने नजर रखने के लिए कहा था। डब्ल्यूएचओ चीफ टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने चेतावनी दी कि ‘आने वाले समय में अधिक खतरनाक वेरिएंट उभरने का खतरा बना हुआ है, जो मामलों और मौतों में अचानक वृद्धि का कारण बन सकता है।’
नए वेरिएंट में दो अतिरिक्त स्पाइक म्यूटेशन
ईजी.5.1 को एरिस नाम से जाना जाता है। इसके उभरने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ओमिक्रॉन वेरिएंट के परिवार ईजी.5 को “वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” डिक्लेयर किया है। ईजी.5.1 में दो अतिरिक्त एफ456एल और क्यू52एच म्यूटेशन है जबकि ईजी.5 में केवल एफ456एल है। ईजी.5.1 में एक्स्ट्रा छोटा म्यूटेशन, स्पाइक प्रोटीन में क्यू52एच म्यूटेशन के कारण ईजी.5.1, ईजी.5 के मुकाबले तेजी से फैलता है। बीजे गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, पुणे के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और हेड डॉ. राजेश कार्यकार्टे ने कहा, ‘ईजी.5.1, ओमिक्रॉन वेरिएंट एक्सबीबी.1.9.2 का सब वेरिएंट है। इसके मूल स्ट्रेन की तुलना में इसमें दो अतिरिक्त स्पाइक म्यूटेशन हैं। यह सब-वेरिएंट 39 देशों और 38 अमेरिकी राज्यों में पाया गया है। यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी के अनुसार, ईजी.5.1 को पहली बार 31 जुलाई को यूके में देखा गया था। यूकेएचएसए ने कहा है कि यूके में सात नए कोविड मामलों में से एक एरिस वेरिएंट का पाया जा रहा है।
लक्षण और बचने के उपाय
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, ईजी.5.1 वेरिएंट के मुख्य लक्षण गले में खराश, बहती या बंद नाक, छींक आना, सूखी खांसी, सिरदर्द और शरीर में दर्द है, लेकिन अधिकांश मरीजों को बुखार और सांस फूलने की समस्या भी हो रही है। बुजुर्ग, कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग और गर्भवती महिलाओं को इस वेरिएंट से जोखिम हो सकता है। वेक्सीनेशन, हाथ साफ रखना, सोशल डिस्टेंसिंग, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना, मास्क पहनना इस वेरिएंट से बचने का अच्छा ऑप्शन है। अगर किसी को किसी भी प्रकार की सांस संबंधी बीमारी है तो घर पर रहना उसके लिए अच्छा तरीका है।