
राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय में महिलाओं के प्रति भेदभाव निरोधक पखवाड़ा का आयोजन।
जयपुर. गलत सोच का कोई जेंडर नहीं होता और वास्तव में लैंगिक भेदभाव को खत्म करने की सही भावना का प्रसार किया जाना आवश्यक है। यह बात राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित और अंतर्राष्ट्रीय आत्मरक्षा तथा मार्शल आर्ट की प्रशिक्षक ऋचा गौड़ ने राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय में हाल ही में आयोजित श्महिलाओं के प्रति भेदभाव निरोधक पखवाड़ा में अपने विशिष्ट व्याख्यान में कही।
उन्होंने अपनी भावनाओं और आक्रामकता को सही दिशा में निवेश करने पर जोर दिया। उन्होंने साझा किया कि चुनौतियाँ और बाधाएँ जीवन का हिस्सा हैं और हमें उनका सामना पूरे साहस और दृढ़ संकल्प के साथ करना चाहिए। उन्होंने अपने परिवार से मिले समर्थन के साथ.साथ 12 साल की यात्रा और कड़ी मेहनत के महत्व पर प्रकाश डाला। ऋचा गौड़ ने सर्वाइवल मार्शल आर्ट तकनीक का लाइव प्रदर्शन किया गया।
राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय में महिलाओं के विरूद्ध हिंसा पर अंतर्राष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव के संदेश को पढ़ा गया जिसमें उन्होंने कहा कि भेदभाव एक गंभीर समस्या है जिसका शिकार महिलायें होती हैं। महिलाओं को समान अधिकार ना देकर हम आधी आबादी को सम्पूर्ण जीवन जीने से वंचित करते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय जागरूकता बढ़ाने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमें जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास करने चाहिए क्योंकि महिलाओं में अपनी सहज शक्ति इच्छा शक्ति दृढ़ संकल्प और विश्वास के साथ दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने की क्षमता है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और कर्मचारियों ने उत्साह के साथ भाग लिया और जीवित रहने का एक महत्वपूर्ण सबक भी सीखा। इससे पूर्व स्पर्श प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ अंजली शर्मा ने स्वागत भाषण दिया और कार्यक्रम का समन्वयन मनोज के इंदौरिया डॉ धनपति शौगरकपम और सौभाग्यवती गुप्ता ने किया।
